राजनीति नाकामियों और खींचातानी में बीता साल…….. September 10, 2011 / December 6, 2011 by हिमकर श्याम | 1 Comment on नाकामियों और खींचातानी में बीता साल…….. हिमकर श्याम अर्जुन मुंडा सरकार के एक साल पूरे हो गये। मुंडा सरकार का यह कार्यकाल नाकामियों और आपसी खींचातानी की कहानी बयान करता है। तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद अर्जुन मुंडा का ज्यादातर समय सहयोगी दलों को एकजुट रखने में बीता। सरकार पर समर्थन वापसी का खतरा लगातार बना रहा। अर्जुन मुंडा इस […] Read more » Arjun Munda अर्जुन मुंडा आजसू झामुमो
राजनीति किसको कातिल मैं कहूं किसको मसीहा समझूं April 29, 2010 / December 24, 2011 by पंकज झा | 3 Comments on किसको कातिल मैं कहूं किसको मसीहा समझूं -पंकज झा. अखबारों की अपनी सीमाएं हैं. एक तरफ अत्यधिक तेज़ी से बदलते घटनाक्रम और दूसरी तरफ अगले ही दिन अखबार के छप पाने की मजबूरी! पता चला आपने किसी घटनाक्रम पर कोई प्रतिक्रिया लिखी और अखबार प्रकाशित होते तक उस पूरे खबर का सन्दर्भ ही बदल गया. तो इलेक्ट्रोनिक मीडिया के लिए भले ही […] Read more » Bhajpa झामुमो झारखंड भाजपा शिबू सोरेन
राजनीति विवाद और सोरेन का चोली दामन का साथ April 29, 2010 / December 24, 2011 by लिमटी खरे | Leave a Comment झारखण्ड के मुख्यंत्री शिबू सोरेन कहीं रहें और वे विवादित और चर्चित न हों एसा कैसे हो सकता है। सोरेन और विवाद का तो चोली दामन का साथ है। केंद्र हो या सूबाई सरकार। जब कभी भी सोरेन की ताजपोशी की गई उसके बाद से ही उनके पदच्युत होने की खबरें फिजां में तैरती रहीं […] Read more » Jharkhand झामुमो झारखंड भाजपा शिबू सोरेन
राजनीति पांव जलते हैं तो आग पे चलते क्यूं हो….! April 28, 2010 / December 24, 2011 by पंकज झा | 3 Comments on पांव जलते हैं तो आग पे चलते क्यूं हो….! -पंकज झा. झारखंड की वर्तमान परिस्थिति के बहाने भाजपा के लिए स्वाभाविक तौर पर कुछ चीज़ें तय कर लेना उचित होगा. उसको यह समझना होगा कि अगर वह स्वयं को क्षुद्र लाभ के निमित्त कोई भी समझौता ना करने वाले दीनदयाल परंपरा का वास्तविक उत्तराधिकारी समझती है, तो छल-बल-प्रपंच के कौशल से वह अपना साध्य […] Read more » Jharkhand झामुमो झारखंड भाजपा