जन-जागरण जरूर पढ़ें धर्म-अध्यात्म महत्वपूर्ण लेख धर्मचिन्तन से उद्भूत राष्ट्रचिंतन सदा प्रबल रहा September 21, 2013 / September 23, 2013 by राकेश कुमार आर्य | 6 Comments on धर्मचिन्तन से उद्भूत राष्ट्रचिंतन सदा प्रबल रहा राकेश कुमार आर्य वेद का पुरूष सूक्त बड़ा ही आनंददायक है। वहां क्षर पुरूष प्रकृति जो कि नाशवान है, अक्षर पुरूष-जीव, जिसकी जीवन लीला प्रकृति पर निर्भर है, और जो इसका भोक्ता है, और अव्यय पुरूष पुरूषोत्तम-ईश्वर के परस्पर संबंध का मनोहारी वर्णन है। इसी वर्णन में कहीं राष्ट्र का ‘बीज तत्व’ छिपा है। वेद […] Read more » धर्मचिन्तन से उद्भूत राष्टट्रचिंतन सदा प्रबल रहा