धर्म-अध्यात्म श्रद्धापूर्वक माता -पिता का सेवा करना पुत्र का कर्तव्य September 8, 2025 / September 8, 2025 by अशोक “प्रवृद्ध” | Leave a Comment -अशोक “प्रवृद्ध” पौराणिक व लौकिक मान्यतानुसार वर्तमान में आश्विन कृष्ण पक्ष में पितरों के उद्देश्य से विशेष रूप से पिंडदान किये जाने और ब्राह्मण भोजन कराये जाने की परिपाटी है। वस्तुतः यह श्राद्ध कर्म भाद्रमास की पूर्णिमा से शुरू होकर आश्विन मास की अमावस्या के दिन समाप्त होता है। भाद्रपद की पूर्णिमा और अश्विन मास […] Read more » पितृपक्ष
धर्म-अध्यात्म जानिए पितृपक्ष में पितरों के लिए पिण्डदान और श्राद्ध कैसे करें?? September 13, 2019 / September 13, 2019 by पंडित दयानंद शास्त्री | Leave a Comment शास्त्रों में मनुष्य के लिए तीन ऋण कहे गये हैं- देव ऋण, ऋषि ऋण व पितृ ऋण। इनमें से पितृ ऋण को श्राद्ध करके उतारना आवश्यक है। क्योंकि जिन माता-पिता ने हमारी आयु, आरोग्यता तथा सुख सौभाग्य की अभिवृद्धि के लिए अनेक प्रयास किये, उनके ऋण से मुक्त न होने पर हमारा जन्म लेना निरर्थक […] Read more » pinddan Pitripaksha पितरों के लिए पिण्डदान और श्राद्ध पितृपक्ष
धर्म-अध्यात्म आइये जाने इस वर्ष 2017 में महालय/पितृपक्ष/श्राद्ध पक्ष क्या,क्यों और कैसे मनाये..??? August 31, 2017 / September 1, 2017 by पंडित दयानंद शास्त्री | 1 Comment on आइये जाने इस वर्ष 2017 में महालय/पितृपक्ष/श्राद्ध पक्ष क्या,क्यों और कैसे मनाये..??? इस वर्ष पितृपक्ष-5 सितंबर से 20 सितंबर 2017 (पूर्णिमा) से आरम्भ होने जा रहे हैं | प्रिय मित्रों/पाठकों, श्राद्ध, पूजा, महत्व, श्राद्ध की महिमा एवं विधि का वर्णन विष्णु, वायु, वराह, मत्स्य आदि पुराणों एवं महाभारत, मनुस्मृति आदि शास्त्रों में यथास्थान किया गया है। श्राद्ध का अर्थ अपने देवों, परिवार, वंश परंपरा, संस्कृति और […] Read more » Featured अमावसाई क्यों आवश्यक है श्राद्ध करना पितृपक्ष पितृपक्ष-5 सितंबर से 20 सितंबर 2017 श्राद्ध
कला-संस्कृति श्राद्ध क्या है, पितृपक्ष क्यों ??? September 20, 2014 by शिवेश प्रताप सिंह | Leave a Comment “श्रद्धया इदं श्राद्धम्” भावार्थ है प्रेत और पित्त्तर के निमित्त, उनकी आत्मा की तृप्ति के लिए श्रद्धापूर्वक जो अर्पित किया जाए वह श्राद्ध है। “भरत किन्ही दशगात्र विधाना” ऐसा रामचरित मानस में भी वर्णन आता है | जो इस धार्मिक क्रिया का सबसे सटीक प्रमाण है | हिन्दू धर्म में पितरों को एक पक्ष क्यों […] Read more » पितृपक्ष
धर्म-अध्यात्म ‘‘श्रद्धा भाव है श्राद्ध’’ September 25, 2011 / December 6, 2011 by डॉ. सौरभ मालवीय | 4 Comments on ‘‘श्रद्धा भाव है श्राद्ध’’ सौरभ मालवीय पितर हमारे किसी भी कार्य में अदृश्य रूप से सहायक की भूमिका अदा करते। क्योंकि अन्ततः हम उन्हीं के तो वंशज हैं। ज्योतिष विज्ञान की मान्यता के अनुसार वे हमारे सभी गतिविधियों पर अपनी अतिन्द्रीय सामर्थ के अनुसार निगाह रखे रहते हैं। यदि हम अपना भाव भावात्मक लगाव उनसे जोड़ सके तो वे […] Read more » पित़पक्ष पितृपक्ष श्राद्ध