राजनीति हिन्दी जगत में बनाई जाएं फतवा कमेटियाँ / राजीव रंजन प्रसाद June 13, 2012 / June 28, 2012 by राजीव रंजन प्रसाद | 9 Comments on हिन्दी जगत में बनाई जाएं फतवा कमेटियाँ / राजीव रंजन प्रसाद मंगलेश डबराल प्रसंग हिन्दी साहित्य जगत के कूड़ाघर हो जाने की व्यथा कथा का उपसंहार है। यह पूरी घटना एक छटपटाहट का नतीजा है जो मेरी मुर्गी की एक टाग़ वाली प्रवृत्ति से निकली है और जिन्हें दो टाँगे दिख रही थी उन्हें भी फतवा-वितरकों ने जन्मान्ध घोषित करने के निबटा दिया। हिन्दी में रंगदारों […] Read more » भारत नीति प्रतिष्ठान मंगलेश डबराल मार्क्सवाद राकेश सिन्हा वैचारिक अश्पृश्यता
राजनीति ये स्टालिनवादी वैचारिक बहुलता के विरोधी होते हैं / राकेश सिन्हा May 29, 2012 / June 28, 2012 by राकेश सिन्हा | 39 Comments on ये स्टालिनवादी वैचारिक बहुलता के विरोधी होते हैं / राकेश सिन्हा राकेश सिन्हा (जनसत्ता ने अपने चार रविवारीय अंकों में वैचारिक एवं बौद्धिक संवाद पर बहस चलाया. कई न्यूनताओं के बावजूद यह एक सराहनीय एवं अभिनंदनीय सम्पादकीय परियोजन है. इसने संवाद के प्रति सदिच्छा एवं काल्पनिक एवं कालबाह्य प्रवृत्तियों को सार्वजनिक बहस में लाने का काम किया है. बहस का कारण मंगलेश डबराल का भारत नीति […] Read more » भारत नीति प्रतिष्ठान मंगलेश डबराल राकेश सिन्हा वैचारिक अश्पृश्यता
राजनीति हल्की फूंक से ही कांपने लगते हैं वामपंथी / विजय कुमार May 29, 2012 / June 28, 2012 by विजय कुमार | 9 Comments on हल्की फूंक से ही कांपने लगते हैं वामपंथी / विजय कुमार विजय कुमार संघप्रेरित विचार मंच (Think tank) ‘भारत नीति प्रतिष्ठान’ (India policy foundation) का मुख्यालय दिल्ली में है तथा इसका संचालन दिल्ली वि0वि0 में प्राध्यापक प्रो0 राकेश सिन्हा करते हैं। यह संस्था विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श के लिए प्रतिष्ठित बुद्धिजीवियों को बुलाती रहती है। पिछले दिनों समान्तर सिनेमा पर आयोजित एक गोष्ठी में वामपंथी लेखक […] Read more » भारत नीति प्रतिष्ठान मंगलेश डबराल वैचारिक अश्पृश्यता