समाज महत्वाकांक्षायें संतुलित एवं वास्तविक धरातल पर हों June 6, 2019 / June 6, 2019 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी मानव के मन में ना जाने कितनी तरह की इच्छाएं जन्म लेती रहती हैं और हर व्यक्ति इसे पूर्ण करने के प्रयास में जुटा रहता है। जिन इच्छाओं में अपना महत्व या रुतबा दिखाने-बढ़ाने की चाह हो, वह महत्वाकांक्षा है। अध्यात्म महत्वाकांक्षा को अच्छा नहीं मानता। आकांक्षा स्थैतिक ऊर्जा के समान है, […] Read more » the expectations from life महत्वाकांक्षा
धर्म-अध्यात्म “मर्यादा पुरुषोत्तम राम को अमरता प्रदान करने वाले विश्व वन्दनीय ऋषि वाल्मीकि” October 24, 2018 / October 24, 2018 by मनमोहन आर्य | 2 Comments on “मर्यादा पुरुषोत्तम राम को अमरता प्रदान करने वाले विश्व वन्दनीय ऋषि वाल्मीकि” मनमोहन कुमार आर्य, आज महर्षि वाल्मीकि जी का जन्म दिवस है। हम यह भूल चुके हैं कि हमारी धर्म व संस्कृति के गौरव मर्यादा पुरुषोत्तम राम को हम जितना जानते हैं उसका आधार वैदिक ऋषि वाल्मीकि जी का महाकाव्य ‘‘रामायण” है। भारत व अन्यत्र श्री राम के विषय में जो भी ग्रन्थ रचे गये वह […] Read more » अहंकार क्रोध जीवन परिवार मनुष्य काम महत्वाकांक्षा महर्षि वाल्मीकि लोभ समाज सूर्य महर्षि दयानन्द स्वार्थ
विविधा महत्वाकांक्षा May 25, 2013 / May 25, 2013 by गंगानन्द झा | 2 Comments on महत्वाकांक्षा करीब चालीस साल पहले की बात है। मेरा एक छात्र था, इण्टरमिडिएट क्लास में। माँ-बाप का इकलौता पुत्र, चार बहनों का इकलौता भाई। पिता डिपुटी मेजिस्ट्रेट। लड़का बहुत ही प्यारा, सुदर्शन एवम् स्वस्थ। पिता की उसे डॉक्टरी पढ़ाने की उत्कट इच्छा थी, उनका कहना था, ऐट ऐनी कॉस्ट, इसको डॉक्टर बनना है। लड़के को एक […] Read more » महत्वाकांक्षा