कविता मां भारती का जलगान March 23, 2015 by अरुण तिवारी | Leave a Comment जयति जय जय जल की जय हो जल ही जीवन प्राण है। यह देश भारत…. सागर से उठा तो मेघ हिमनद से चला नदि प्रवाह। फिर बूंद झरी, हर पात भरी सब संजो रहे मोती-मोती।। है लगे हजारों हाथ, यह देश भारत….. कहीं नौळा है, कहीं कहीं जाबो कूळम आपतानी। कहीं बंधा पोखर पाइन है […] Read more » अरुण तिवारी जलगान मां भारती का जलगान