कविता रोटी July 7, 2020 / July 7, 2020 by आत्माराम यादव पीव | 1 Comment on रोटी रोटी ब्रम्ह है रोटी आत्मारोटी प्रकृति है रोटी परमात्मारोटी जीवन है सबकी आसरोटी अन्न है सबकी सांसरोटी उंत्सव है मिले भरपेट खानारोटी बंधन है सबकुछ होकर न पानारोटी दिन है उम्मीद का सफररोटी तारीख है बच्चे का घररोटी महिना है नवयौवन के सपनेरोटी मकसद है निर्धन भी अपनेरोटी है मेहनतकश का पसीनारोटी है तो हर […] Read more » रोटी
कविता साहित्य रोटी June 11, 2013 / June 11, 2013 by मोतीलाल | Leave a Comment ये वही हाथ है जिन्होंने आन्दोलन चलाया था अंग्रेजों के विरुद्ध हमनें उतारा था यूनियन जैक और लहराया था अपना प्यारा तिरंगा । ये वही हाथ है जिन्होंने पैदा किया देश के लिए हरित क्रांति और बुलन्द किया था जय जवान, जय किसान का नारा । ये वही हाथ है जिसने नाम बुलन्द […] Read more » रोटी