समाज सफल जीवन के लिये नई राहें बनाएं November 22, 2018 / November 22, 2018 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग- धूप और छांव की तरह जीवन में कभी दुःख ज्यादा तो कभी सुख ज्यादा होते हैं। जिन्दगी की सोच का एक महत्वपूर्ण पक्ष यह है कि जिन्दगी में जितनी अधिक समस्याएं होती हैं, सफलताएं भी उतनी ही तेजी से कदमों को चुमती हैं। बिना समस्याओं के जीवन के कोई मायने नहीं हैं। समस्याएं […] Read more » ईष्र्या क्रोध घृणा भय मन मनुष्य वाणी शरीर सफल जीवन के लिये नई राहें बनाएं
समाज संसार में अधिकांश झगड़े, वाद-विवाद और कलह क्लेश हमारी जिह्वा पर हमारा नियंत्रण न होने के कारण होते हैं। August 8, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment रसना और वासना व्यक्ति की सबसे बड़ी शत्रु हैं। जिह्वा का नियंत्रण समाप्त हुआ नहीं कि कुछ भी घटना घटित हो सकती है। जिह्वा के विषय में यह भी सत्य है कि- रहिमन जिह्वा बावरी कह गयी आल पताल। आप कह भीतर घुसी जूते खाय कपाल।। वेद का आदेश है :- सक्तुमिव तितउना पुनन्तोयत्र धीरा […] Read more » मधु वाणी वाद-विवाद वेद