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Tag: शब्दों के बदलते अर्थ

कविता

शब्दों के बदलते अर्थ

March 8, 2021 / March 8, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment

–विनय कुमार विनायकयुग-युग से शब्दों के अर्थबदलते/उलटते/पलटते रहे हैंप्रजातंत्र के युग मेंयाचक का अर्थ दानी होताऔर दानी का अर्थ याचकआज याचक प्रजा एकमुश्तसर्वाधिकार/मताधिकार दानकरकिस्त-दर-किस्त कुछ पाने कीचाह में टकटकी लगाए रहती!दानी सर्वस्व पाकर आंखें मूंद लेता!आवर्ती दर पर आंखें खोलकरपुनः टकटकी लगाता सर्वाधिकार पाने,पुनः-पुनः अपना भाग्य आजमानेएक की टकटकी लगी की लगी रह जातीदूसरे की […]

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