कविता साहित्य शिशिर नहीं आया इस बार! January 8, 2016 by बीनू भटनागर | Leave a Comment साल के पहले हफ़्ते मे ऐसा पहली बार हुआ है, मुंह से भाप नहीं निकली है, ना ही दाँत किटकिटाये हैं। शिशिर नहीं आया इस बार, हेमंत ऋतु के जाते जाते, ऋतुराज बंसत पधार गये हैं, ऋतु-चक्र परिवर्तन अबके, यह संदेशा लेकर आये हैं- प्रकृति को इतना मत रौंदो, रौंदेगी वो इक दिन तुमको! Read more » शिशिर नहीं आया इस बार!