राजनीति क्या संसद का शीतकालीन सत्र कोई नया मानक स्थापित कर पाएगा या फिर वही घिसी-पिटी सियासत दोहरायी जाएगी? November 27, 2025 / November 27, 2025 by कमलेश पांडेय | Leave a Comment कभी लोकतंत्र की जनभावनाओं को स्पष्ट करते हुए फ्रांसीसी दार्शनिक वॉल्टेयर ने कहा था कि "मैं आपके विचार से सहमत नहीं हो सकता लेकिन उसे कहने के आपके अधिकार की रक्षा आखिरी दम तक करूंगा।" लेकिन यह विशुद्ध रूप से संस्कारवान नीति की बात है। आज जबकि लोकतांत्रिक सियासत का Read more » संसद का शीतकालीन सत्र
राजनीति अब तो समझे विपक्ष जनता क्या चाहती है December 3, 2016 by मयंक चतुर्वेदी | 2 Comments on अब तो समझे विपक्ष जनता क्या चाहती है लोकतंत्र शासन प्रणाली में जनता भगवान होती है, उसके रुख से ही यह तय होता है कि किस पार्टी की नीतियों के लिए उसका बहुमत है। जब से केंद्र में भाजपा की सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बने हैं, विपक्ष किसी न किसी बहाने, बिना कोई सार्थक मुद्दा होने के बावजूद भी लगातार सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है। हद तो यह है कि पुराने 500-1000 के नोट प्रचलन के बाहर करने की जहां देशभर में बहुसंख्यक जनता सरकार की तारीफ कर रही है, वहीं विपक्षी हैं कि उनके पेट में इतना दर्द हो रहा है कि वे एक माह तक मुकर्रर किए गए वक्त में आवश्यक विधेयकों एवं कार्रवाहीं के लिए चलनेवाले सदन को भी नहीं चलने दे रहे। Read more » Featured गुजरात स्थानीय निकाय चुनाव नोटबंदी नोटबंदी की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण भाजपा की सरकार महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव. संसद का शीतकालीन सत्र