परिचर्चा विविधा समाज का नासूर: दलित उत्पीड़न May 21, 2015 by निर्मल रानी | 2 Comments on समाज का नासूर: दलित उत्पीड़न -निर्मल रानी- हमारे देश की सामाजिक न्याय व्यवस्था भी क्या अजीबो-गरीब है कि यहां गंदगी फैलाने वालों को तो उच्च जाति का समझा जाता है जबकि उनके द्वारा फैलाई जाने वाली गंदगी को साफ करने वाले को नीच अथवा दलित जाति का समझा जाता है। धर्मशास्त्रों में सदियों से दुष्प्रचारित की गई इस अन्यायपूर्ण व्यवस्था […] Read more » Featured दलित दलित उत्पीड़न समाज का नासूर: दलित उत्पीड़न