विविधा साहित्यकारों की विकृत राजनीति October 14, 2015 by मृत्युंजय दीक्षित | 2 Comments on साहित्यकारों की विकृत राजनीति मृत्युंजय दीक्षित एक बहुत ही सोची समझी राजनीति के तहत देश के मूर्धन्य विद्धान व लेखकों ने अपने पुरस्कारों को एक के बाद एक लौटाने का अभियान प्रारम्भ कर दिया है। इसमें अधिकांश साहित्यकार साहित्य अकादमी के पुरस्कारों से सम्मानित थे । इन साहित्यकारों का नेतृत्व नेहरूजी की रिश्तेदार नयनतारा कर रही हैं जो कि […] Read more » Featured विकृत राजनीति साहित्यकारों की विकृत राजनीति