लेख स्वयं को देखने के लिए मन की आँखों को खोलें February 5, 2021 / February 5, 2021 by अखिलेश आर्येन्दु | Leave a Comment अखिलेश आर्येन्दु अचानक पीछे से उन्होंने दोनों हाथों से मेरी आँखें बंद की फिर धीरे से कान में कहा-‘‘अब देखो, दुनिया कैसी दिख रही है।’’ मैंने कहा,- ‘‘अँधेरे के अलावा अब कुछ भी नहीं दिख रहा है।’’ ‘‘वाह, अंधेरा दिख रहा है? ‘‘हाँ, अंधेरे को मैं देख और एहसास भी कर पा रहा हूँ।’’ फिर […] Read more » स्वयं को देखने के लिए मन की आँखों को खोलें