कला-संस्कृति ‘बौद्ध-जैनमत, स्वामी शंकराचार्य और महर्षि दयानन्द के कार्य’ September 29, 2014 by मनमोहन आर्य | 15 Comments on ‘बौद्ध-जैनमत, स्वामी शंकराचार्य और महर्षि दयानन्द के कार्य’ ओ३म् -मनमोहन कुमार आर्य महाभारत काल के बाद देश-विदेश में सर्वत्र अज्ञान फैल गया था। शुद्ध वैदिक धर्म शुद्ध न रह सका और उसमें अज्ञान, अन्धविश्वास, पाखण्ड, कुरीतियां आदि अनेक हानिकारक मत व बातें सम्मिलित हो गयीं। वेद के अनुसार प्रत्येक मनुष्य को पंच-महायज्ञों का करना अनिवार्य था जिसमें प्रथम ईश्वरोपासना तथा उसके पश्चात दैनिक […] Read more » ‘बौद्ध-जैनमत स्वामी शंकराचार्य और महर्षि दयानन्द के कार्य’