कविता बादल हटेगा, अँधेरा छँटेगा हम सूरज बन फिर दमकेंगें February 1, 2021 / February 1, 2021 by प्रणय कुमार | Leave a Comment आप जितना रोकेंगेंहम उतना बढेंगेंसनद रहे, हम उतना बढेंगें षड्यंत्रों से कभी संकल्प डिगे हैंबाधाओं से कभी इरादे झुके हैंसत्य के आगे कभी प्रपंच टिके हैंअवरोधों का सीना चीरहम फिर फूटेंगें, बढेंगें, लहलहाएँगेआप जितना रोकेंगेंहम उतना बढेंगेंसनद रहे, हम उतना बढेंगें कल हमसे मनुष्यता अर्थ पाएगीऊँचाई मानक तय करेगीपीड़ित-पददलित जन न्याय पाएँगेंहर बाहरी अँधेरे कोहम […] Read more » बादल हटेगा अँधेरा छँटेगा हम सूरज बन फिर दमकेंगें