कविता

चोर के घर चोरी

  1. चोर की चोरी, चोरी की कार,
    कैसा लगा अनुप्रास अलंकार?
    होंडा सिटी में धन था अपार,
    सामने से आगई वैगनार।
    लूट के धन सब हुए फरार,
    कुछ दूर जाकर छोड़ी कार।…
    दिल्ली पोलिस बड़ी बेकार,
    शिंदे से जाकर करो तकरार।
    सट्टे का धन है या कालाबज़ार,
    कहां से आया धन का अंबार?
    संसद मे जाओ करो अब शोर,
    जाओ करवाओ उन्हें गिरफ्तार।
    पकड़ो जिसने करे पाप घोर,
    लूटा है जिसने न देखे वो भोर।