आज 16 अक्टूबर है। इसी दिन सन् 2008 में ‘प्रवक्ता डॉट कॉम’ की शुरुआत हुई थी।
सोचा यही था कि मुख्यधारा के मीडिया से ओझल हो रहे जनसरोकारों से जुड़ी खबरों व मुद्दों को प्रमुखता से प्रकाशित करें और उस पर गंभीर विमर्श हो। साथ ही एक अरब से अधिक की जनसंख्या वाले देश की राष्ट्रभाषा हिंदी को इंटरनेट पर प्रभावी सम्मान दिलाने के लिए सार्थक प्रयास हो।
इस काम में हम कितना सफल हो पाए हैं, यह तो सुधी पाठक और विद्वत लेखकगण ही बता सकेंगे।
‘प्रवक्ता’ के फलक को हम और विस्तारित करने जा रहे हैं। पूरी दुनिया में मानव-समाज का संकट गहरा रहा है। विकल्पहीनता की स्थिति है। ऐसे में हम सभ्यतामूलक विमर्श पर विशेष ध्यान केन्द्रित करेंगे। ‘भारतीय सभ्यता बनाम पश्चिमी सभ्यता’ ‘प्रवक्ता’ के विमर्श के केन्द्रबिंदू होंगे।
आशा है आपका स्नेह और सहयोग हमें पूर्व की भांति सतत् मिलता रहेगा।
इस अवसर पर हम ‘प्रवक्ता’ के प्रबंधक श्री भारत भूषण, सुधी पाठक व विद्वत लेखकगण तथा विज्ञापनदाताओं के प्रति आभार प्रकट करते हैं।
आपका,
संजीव कुमार सिन्हा
संपादक
प्रवक्ता डॉट कॉम
देश की राष्ट्रभाषा हिंदी नहीं है
देश की राजभाषा हिंदी है
देश की राष्ट्रभाषा सरल संस्कृत ही बन सकती है (द्विवचन रहित, तीन कालों एवं अनेक एनी सरलीकरण के साथ) या संस्कृतनिष्ठ आधे से अधिक ऐसे शब्दों के साथ का सुझाव केरल के KM पनिक्कर का संविधान सभा में था हिंगलिश या उर्दू की खिचडी हिन्दी हिन्दुस्तानी देश की राष्ट्रभाषा नहीं हो सकती – वैसे देश की सभी भाषाएँ और बोलियाँ देश की राष्ट्रभाषा हैं ,उनमे देश का इतिहास छिपा है संस्कृति छिपी है
मुझे लगता है की बहुत महीनो के बाद प्रवक्ता को देखा है रायपुर के चन्दन ने जोड़ा था इससे
इसकी प्रगति और अछे लेख देख अच्छा lagaa
संजीव जी, उत्कृष्ट हिंदी वेब पत्रकारिता में एक, प्रवक्ता.कॉम के तीन वर्ष पूरे होने पर मेरी हार्दिक बधाई स्वीकार करें| भविष्य में भी ऐसे सुअवसर आते रहें, ऎसी मेरी शुभकामना है|
‘प्रवक्ता डॉट कॉम’ के वेब पत्रकारिता की दुनिया में शानदार तीन वर्ष पूरे करने पर श्री संजीव कुमार सिन्हा जी एवं उनकी पूरी टीम को ढ़ेरों-ढ़ेरों हार्दिक बधाईयां एवं शुभकामनाएं। निश्चित तौर पर ‘प्रवक्ता डॉट कॉम’ ने निर्भिक एवं निष्पक्ष होकर वेब पत्रकारिता में एक नया विकल्प और नया आयाम स्थापित किया है। पुन: इस शानदार उपलब्धि पर ढ़ेरों-ढ़ेरों हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाईयां।
-राजेश कश्यप, स्वतंत्रत पत्रकार, लेखक एवं समीक्षक, टिटौली (रोहतक) (हरियाणा)-१२४००५ (मोबाईल : ०९४१६६२९८८९)
बहुत बहुत बधाई …………..
तीन वर्ष पूरे करने के लिए आपको बहूत बधाई .आने वाले समय में प्रवक्ता हिंदी की सर्व्श्रेट पत्रिका का स्थान ग्रहण करेगी .ऐसी आशा हे.
CONGRATULATIONS
प्रवक्ता के तीन वर्ष पुरे होने पर समस्त लेखकों , संजीव जी और भारत भूषण जी को हमारी ओर से हार्दिक शुभकामनाएं ! प्रवक्ता की उज्जवल भविष्य की कामना !
आपका
कनिष्क
हार्दिक बधाईयाँ एवं शुभकामनाएं…
ऐसे ही उत्तरोत्तर प्रगति करें यह कामना…
संजीव जी बहुत बहुत बधाई . ३ साल पुरे होने की
डॉ . कमल हेतावल इंदौर
आपको बहुत बधाई.
कोशिश जारी रखिेए।
Dr Vartika Nanda
Head, Department of Journalism
Lady Shri Ram College
New Delhi
नमस्कार,
बहुत-बहुत बधाई….इधर बहुत लम्बे अरसे से कुछ लिख नहीं सके, शर्मिंदा हैं इस कारण…आशा है आप हमारे न लिखने का बुरा न मानेंगे…
जल्द ही लिखने का और नियमित लिखने का प्रयास करेंगे
शेष कुशल…
AAPKO DHER SAARI BADHAAI. SANJEEV JI.
AAPKA
RAJKUMAR SAHU
JANJGIR, CHHATTISGARH
प्रिय सिन्हा जी
आलेख अवश्य लिखूंगा पर प्रतियोगिता से बाहर ही रखिये
आपके पोर्टल का नियमित ग्राहक हूं कोई मूल्य भी नहीं दे रहा ये क्या कम है.
आपको सफ़लता भरे तीन बरस मुबारक हो पोर्टल शतायु ही नहीं बहुत लम्बी उम्र पाए.
Congratulation
ykeenan pravkta.com is the unique in all round success.cong for
compleet three years.respected sanjeev ji and other those are
stakehoders of this ‘pravakta.com’
congratulation
प्रिय संजीव जी,
नमस्कार!
प्रवक्ता डॉट कॉम के तीन सफल वर्ष पूर्ण होने पर हृदय से बधाई! इसी तरह आगे बढ़ते रहें. मैं इन दिनों कुछ व्यस्त हूँ. लेकिन आशा है कि शीघ्र ही व्यस्तता से मुक्त होकर प्रवक्ता.कॉम के लिए नियमित लेखन कर सकूंगा.
सेवा में- संजीव सिन्हा जी, सम्पाद्क मंड्ल,सहयोगियो तथा प्रवक्ता.काम से जुडे सभी सुधी पाठकों को प्रवक्ता के सफलता भरे तीन साल पूरे करने के उपलक्ष में हार्दिक बधाई।हिन्दी में यूनिकोड को प्रोत्साहन देने बाला प्रवक्ता जैसा मंच मुझे अभी तक नहीं मिला।आनलाइन मेरा पहला लेख प्रवक्ता में ही गया था प्रवक्ता अब तीन साल का हो चुका है,तब और अब के प्रवक्ता में दिनोदिन निरन्तर विकास होता जा रहा है,जिसका श्रेय जाता है संजीव सिन्हा और उनके सहयोगियों को।प्रवक्ता में सभी तरह के महान और नवीन लेखकों नई ज़मीन दी,सम्मान दिया,जो आज के युग में बडी बात है।आशा करतीं हूँ भविष्य में भी प्रवक्ता सुधी पाठको,बुध्दिजीवी लेखकों को निष्पक्ष ,सटीक समाचारों,लेखों,आलोचनाओ,विचारो के लिये मंच प्रदान करता रहेगा।प्रवक्ता के जन्मदिवस पर लेख-प्रतियोगिता का विचार स्वागत-योग्य है।प्रवक्ता के उज्जवल भविष्य और निरन्तर समाज का सजग प्रहरी बने रहने की दुआ करतीं हूँ।
संजीव जी, और श्री भारत भूषण जी, और अन्य सहकारियों को अभिनन्दन।
जैसे जैसे आप ऊचाइयां लांघते चलेंगे, भूलिए नहीं; वैसे वैसे आपको अधिक चौकन्ना होना पडेगा।
एक पुराने फ़िल्मी गीत की पंक्तियाँ दुहराने को जी चाह रहा है.:
तुम जीओ हजारो साल,
साल साल के दिन हों पच्चास हजार.
हैप्पी बर्थ डे टू यु पर्वक्ता
ढेर सारी शुभ कामनाएं
पिछले एक वर्ष में प्रवक्ता ने उल्लेखनीय प्रगति की है. कई श्रेष्ठ विद्वान लेखक प्रवक्ता से जुड़े हैं मैं विशेषतया श्री शंकर शरण,श्री विपिन किशोर सिन्हा प्रोफ मधुसुदन इत्यादि के लेखों की उत्सुकतापूर्वक प्रतीक्षा करता रहता हूँ प्रवक्ता मंडली को हार्दिक बधाई तथा शुभ कामनाएँ .
हार्दिक बधाई संजीव भाई !
BADHAI
संजीव जी ! विकल्पहीनता की इस स्थिति में जिन विषयों …उद्देश्यों को लेकर आपने यह अभियान प्रारम्भ किया है उसकी सफलता के लिए अनंत शुभ कामनाएं. प्रवक्ता के फलक को विस्तारित कर सभ्यता को केंद्र बिंदु बनाने के विचार का स्वागत है.
बहुत बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ…सफलता का यह सफर यूँ ही चलता रहे. ३ वर्ष पूर्ण होने पर अभिनन्दन!!!