“सिर्फ मेरा नहीं, तुम्हारा भी, हम सब का है,
इस घर को, बिखरने से बचाया जाए।”
काश कोई ऐसी मुलाकात होती
बस जिसकी शर्त जुदाई न होती…
जैसी पंक्तियों के साथ कंस्टीट्यूशन क्लब में “बिखरने से बचाया जाए” का लोकार्पण हुआ। इस अवसर पर डॉ. नामवर सिंह, डॉ. अनामिका, डॉ. अमर नाथ अमर, श्री अनंत विजय और लेखिका श्रीमती अल्का सिंह की उपस्थिति रही। हिंदी साहित्य क्षितिज की ओर निगाह डाला जाये तो आदरणीय श्री नामवर सिंह आज के साहित्य के वट-वृक्ष की तरह है, इस लोकार्पण की सबसे खास बात रही कि श्री सिंह के द्वारा ही श्रीमती अल्का सिंह की काव्य संग्रह “बिखरने से बचाया जाए” का लोकार्पण सम्पन्न हुआ। अंग्रेजी की प्राध्यापिका होने के बावजूद डॉ. अनामिका हिन्दी साहित्य को समृद्ध करने में महत्वपूर्ण योगदान कर रही है। बता दें कि कहानीकार, उपन्यासकार और समकालीन हिंदी कविता की सर्वाधिक चर्चित कवयित्रियों में अनामिका चर्चित नाम है। इस मौके पर उपस्थित अतिथियों ने साहित्य की मौजूदा दशा और आगे की दिशा को लेकर अपने विचार व्यक्त किए।
इस लोकार्पण में नया मीडिय मंच और प्रवक्ता डॉट कॉम आयोजक के तौर पर शामिल थे। प्रवक्ता डॉट कॉम के प्रयास की भी खासी सराहना की गई।