विकसित भारत का बीज बच्चों की बेहतर शिक्षा और सपने

0
1152

आनंद जोनवार

डॉक्टर कलाम जी भविष्य के नागरिकों के रूप में बच्चों से बहुत प्रेम करते। बच्चों तथा युवाओं से डॉक्टर कलाम की लय पूरी तरह मिलती । एक विकसित भारत का सपना डॉक्टर कलाम का पर्यायवाची बन गया जो गरीबी अशिक्षा तथा बेरोजगारी से मुक्त हो और आर्थिक समृद्धि राष्ट्र सुरक्षा तथा आंतरिक सद्भावना से उत्पन्न हो।  बच्चे हमारे भविष्य है। हमें उनके मस्तिष्क को तेजस्वी बनाना चाहिए ।भारत के बुद्धिमान राष्ट्रपति डॉ कलामजी बच्चों से उम्मीद करते थे संघर्ष भरी परिस्थितियों में लक्ष्य प्राप्ति की उम्मीद तथा साहस ना छोड़े ।आपके सामने जो दायित्व है उसके प्रति साहसपूर्ण समर्पण से ही आप सफलता प्राप्त कर सकते है ।चाचा कलाम  बच्चों युवाओं में साहस,प्रेरक शक्ति के प्रतीक बने। जो किसी को किसी ऊंचे लक्ष्य पर ले जाता है ।चाचा कलाम बच्चों के स्कूल जाने के लिए सदैव उत्साहित रहते थे । डॉक्टर कलाम जी का नवीनतम सपना हमारे देश के युवा ऊंचे सपने देखे और ऊंचे लक्ष्य निर्धारित करें ।डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एक आदर्श व्यक्ति, एक आदर्श भारतीय एवं भावी पीढ़ी के प्रेरणा पुंज के रूप में पहचाने जाने वाले भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम कस्बे में एक साधारण तमिल परिवार में हुआ था। उनका पूरा नाम अबुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम है। इनकी माता का नाम आशीयम्मा था । परिवार में शुरू से ही विचारों की श्रेष्ठता और मानवीय मूल्यों को अधिक महत्व दिया जाता था अपने मस्तिष्क और विचारों को स्थिर रखने तथा अपने लक्ष्य को पाने के लिए कठोर परिश्रम किया ।उस समय उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति के सामने कोई भी बांधा टिक न सकी। बचपन से ही बालक कलाम समुद्र किनारे आकाश में उड़ते पक्षियों को देखकर मन ही मन सोचने लगते ऐसी ही उड़ानें मैं भर लूंगा ।?आगे चलकर वास्तव में उड़ान भरने वाले रामेश्वरम के पहले व्यक्ति हुए।   लक्ष्य के प्रति चट्टानी इरादे रखने वाले डॉक्टर कलाम का ह्रदय भीतर से शिशुओं सा कोमल था। बच्चों को अपने आसपास पाकर ही स्वयं को भूलकर उन्हीं का एक हिस्सा बन जाते। बच्चों को एक ऐसे बीज के रूप में देखते  जिसमें भविष्य का वटवृक्ष छिपा हुआ है। उनका मानना था कि बच्चे भारत का भविष्य है ।उन्हें अपनी युवा पीढ़ी से ना केवल कई आशाएं हैं उन पर पूर्ण विश्वास भी।चाचा कलाम भारत के प्रत्येक बालक को शिक्षित देखना चाहते । और उनके लिए उनका संदेश है कि तुम अपनी आंखों को बड़े-बड़े स्वप्न दो और ह्रदय में उन सपनों को वास्तविकता में बदल डालने का विश्वास पैदा करो क्योंकि यही सोच हमारे देश को आगे ले जा सकती है। डॉक्टर कलाम जी भारत के युवाओं को सबसे शक्तिशाली साधन मानते थे कहते थे किसी देश की युवा शक्ति ही किसी देश के विकास में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सभी युवाओं को मिलकर काम करने के लिए प्रेरित करते थे वे कहते थे सभी बच्चे श्रेष्ठ व्यक्ति हैं जो प्रत्येक कार्य को उत्तम ढंग से कर सकते हैं। प्रमाण स्वरूप डॉक्टर कलाम के व्यक्तित्व को ही लिया जाए तो स्वयं एक श्रेष्ठ वैज्ञानिक, आदर्श अध्यापक एवं सहयोगी होने के अतिरिक्त एक अच्छे लेखक । भारतीय शास्त्रीय संगीत के अच्छे ज्ञाता।कलाम जी ने अपने काम को कभी भी समय की सीमाओं में नहीं बांधा। सपनों को साकार करने से पहले स्वप्न देखो। महान स्वप्न दृष्टाओं के महान सपने हमेशा आकर्षक रहे हैं। हमें लाखों लोगों के रूप में नहीं बल्कि लाखों लोगों के राष्ट्र के रूप में सोचना और काम करना चाहिए । सपने देखिए सपने विचारों में बदलते हैं। विचार कार्यों में बदलते हैं। सपनों से ही विकसित राष्ट्र का रास्ता निकलता है। मैं तो बस यह जानता हूं कि स्वर्ग में या धरती पर स्वप्न की प्रतिबद्धता से बड़ी कोई शक्ति नहीं।सभी बच्चों को अपने स्वयं के लिए स्वप्न देखने का प्रयत्न करना चाहिए। सपने हवा पर सवार होते हैं एक ऐसी हवा नई व्यवस्था की रचना करना चाहती है ।व्यवस्था शक्तिशाली और विकसित देश की जननी होती है। डॉ कलाम हर एक विद्यार्थी के मन में विकसित राष्ट्र कि तस्वीर देखना चाहते ।इसके लिए उनको स्वप्न देखने के लिये प्रोत्साहित भी किया। इन सपनों को अपने विचारों में रहने दीजिए और लौ कि तरह जलने दीजिये और जीवन का लक्ष्य मानकर उन जलते सपनों को पूरा करने का प्रयत्न कीजिए।मिसाइल मैन प्रश्नों से कभी भयभीत नहीं होते वे बच्चों द्वारा दागी गई मिसाइल रूपी प्रश्नों से काफी खुश होते थे ।मिसाइल मैन का मैसेज पराजय वादी दृष्टिकोण को हमेशा के लिए समाप्त करने का था। क्योंकि इसके होते हम सफल नहीं हो सकते ।पराजयवादी दृष्टिकोण की हम सफल नहीं हो सकते को समाप्त कर देना चाहिए ।डॉक्टर कलाम जी जब किसी स्कूल में जाते थे सदैव सकारात्मक प्रतिक्रिया और बच्चों को प्रेरित करते थे ।उनकी सरलता विनम्रता विद्वता से सभी परिचित थे।वे अद्भुत और विशाल हृदय वाले व्यक्ति थे। जिस प्रकार जीवन में बेहतरीन तथा सबसे खूबसूरत चीजों को देखा या स्पर्श नहीं किया जा सकता उन्हें  सिर्फ दिल में महसूस किया जा सकता है ठीक उसी प्रकार आज हमारे बीच डॉ कलाम ना होने पर भी  पूरा राष्ट्र दिल में उनकी उपस्थिति महसूस कर रहा है।कलाम जी विद्यार्थियों के लिए प्रेरणापुंज है। सपने वास्तव में सच होते हैं ये उनकी प्रेरणा थी।यही संदेश उन्होंने युवाओं को दिया। बड़े-बड़े सपने देखना चाहिए फिर उन सपने को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत करना चाहिए। बच्चों के लिए लिखी उनकी कविता हे सर्वशक्तिमान ज्ञान का दीप जला दो,अन्य बच्चों की तरह हम पढ़ना और सीखना चाहते हैं, हम सपने देखते हैं आपको धन्यवाद देते हैं। महामहिम राष्ट्रपति डॉक्टर कलाम जी मानसिक एकता पर बल दिया करते थे और महसूस किया करते थे कि भावी समाज आध्यामिकता और विज्ञान के संयोजन से आकार लेगा ।वे  हमेशा मस्तिष्क को प्रज्वलित करते रहे ।भारत के पास सब कुछ है विकास और शिक्षा के लिए केवल दो चीजों की कमी है गंभीरता और दूसरी गति ।जिसे वे हमेशा बढ़ाते रहे ।उच्च कोटि के विचारक अच्छी पैनी धार वाले  मिसाइल मस्तिष्क मैन  तमिलनाडु के इस महान सपूत का नीति वाक्य टेनिसन की तरह रहा है जिनमें संघर्ष करना, तलाश करना, खोजना, लाभ न उठाना ।ज्ञान के लिए उनकी दीवानगी बहुत अधिक थी । उनकी मान्यता थी कि केवल ज्ञान ही व्यक्ति को ऊंचा उठा सकता है और किसी भी देश को महान बना सकता है ज्ञान ही वह ताकत है जो भारत को सर्वश्रेष्ठ बौद्धिक बना सकता है ।बच्चों के लिए चाचा नेहरू की तरह  चाचा कलाम थे।उन्हें मिस्टर टेक्नोलॉजी ऑफ इंडिया के नाम से भी संबोधित किया जाता था उनका स्वभाव समर्पण तथा तीव्र लगन वाला उच्च कोटि का शांत एवं गंभीर व्यक्ति ,प्रकृति से प्रेम विनम्रता ,सरलता ,परिश्रम शीलता ,मानवीय सोच से भरा हुआ था।अपने अद्भुत व्यक्तित्व  बौद्धिकता बेदाग ईमानदारी के बल पर नाविक का नन्हा बालक जो अपनी जीविकार्जन के लिए सड़कों पर समाचार पत्र बांटता था 25 जुलाई 2002 को भारत के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति पद पर पहुँचा।जो भारत के अब्राहम लिंकन कहलाए।उनका जीवन धूल में फूल खिलना जैसा रहा।वो अपने लिए कुछ भी नहीं चाहते परंतु उनकी एकमात्र इच्छा थी भारत के बच्चों को शक्तिशाली बनाना है। बच्चे उनसे बात करते हुए खुशी से विभोर हो जाते हैं।उनका  विजन 2020  किसी नेत्र विशेषज्ञ का क्षेत्र नहीं । डॉक्टर कलाम की दृष्टि जो उन्होंने राष्ट्र को दी थी।जो हम सभी देशवासियों की आंखों में मौजूद है।जो विकसित भारत की सोच बच्चों और युवाओं के उज्जवलित मस्तिष्क की है। कलाम एक जिज्ञासु और भुक्खड़ पाठक थे।पुस्तकालय के विकास में उनकी बहुत रुचि थी  बच्चों को पुस्तकालय में पढ़ने के लिए प्रोत्साहित भी करते थे।अपने सपनों को साकार करते हुए भारत को उपग्रहों की कक्षा में स्थापित कर दिया और भारत माता की आत्मरक्षा में मिसाइलों से लैस कर दिया।डॉ कलाम जी कहते थे।मैं यहां रुक सकता हूं परंतु देश की युवा पीढ़ी के मस्तिष्क को उद्वेलित उत्साहित करते रहे।एक सामान्य व्यक्ति की यात्रा निरंतर जारी है वह युवा पीढ़ी जो कलाम जी द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुसार आने वाले वर्षों में देश को एक विकसित संपूर्ण देश के रूप में बदलेगी। डॉक्टर कलाम द्वारा प्रज्वलित किए गए मस्तिष्क अपनी एकता तथा निष्ठा रूपी फूलों के हार के रूप में सौगंध फैलाते रहेंगे। एक श्रेष्ठ पूजनीय व्यक्ति डॉ कलाम जी एक दिव्य ज्योति जो पूरे विश्व को प्रदीप्त कर रही है ।जो आंखें इस दुनिया को फिर नहीं देख पाएगी अपना बेहतरीन देने का प्रयास करो। उनके विचारों में  सफलता का एकमात्र रास्ता सरलता तथा परिश्रम है।डॉ कलाम जी का संघर्ष भरा जीवन उनके सपने,सच साबित होते सपने,विचार हम सब के लिए प्रेरक शक्ति और प्रेरणापुंज है जो हम सब के बीच जीवित है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here