विविधा

कौन है असली चाचा……?

बीते दिनों मुम्बई में दो आतंकियों को गिरफ्तार किया, जो धमाके की योजना बना रहे थे। गिरफ्तार आतंकी अब्दुल लतीफ और रियाज़ अली पाकिस्तान के कराची के किसी चाचा से बात करते थे। चाचा ही उन्हें बताता था कि उन्हें कब क्या करना है। इसका खुलासा होते ही चाचा का रहस्य जानने में सारे लालबुझक्कड़ लग गए। फोन कॉल ट्रेस किए गए लेकिन खुफिया एजेंसियों के हाथ कुछ ख़ास ना लग पाया। तभी एटीएस के एक अधिकारी ने कहा कि बशीर खान के चाचा होने से इन्कार नहीं किया जा सकता। हालांकि अभी हम पक्के तौर पर कुछ नहीं कह सकते। मीडिया के सामने चाचा का खुलासा करने का खमियाज़ा अधिकारी को उठाना पडा, तुरंत नप गए। चाचा की तलाश अब भी जारी है। कयास लगाया जा रहा है कि बषीर ख़ान चाचा हो सकता है। लेकिन हमारे खुफिया तंत्र की खुफियागिरी तो देखिए ये भूल गए कि लश्‍करे तैयबा में चाचा कौन है?

अमरीकी सरकार ने मई 2008 में जब लश्‍करे तैयबा के चार दहशतगर्द हाफिज़ मोहम्मद सईद, ज़कीउर रहमान लखवी, हाज़ी मुहम्मद अशरफ़ और मोहम्मद अहमद बहाज़िक की सपंत्ति ज़ब्त करने का आदेश जारी किया था तो साथ ही इन चारों की वो कुंडली भी जारी की, जिसमें ये साफ था कि ये चारों किन किन नामों का इस्तेमाल करते हैं और इनके क्या क्या काम हैं? उन्हीं चार दहशतगर्र्दों में से एक ऐसा आतंकी भी है, जो चाचा नाम का इस्तेमाल करता है जिसका ठेका दूसरे मुल्कों में आतंकी हमले करवाने का है। लेकिन वो षायद हमारी खुफिया तंत्र की फेहरिस्त में नहीं है। अमेरिका की रिपोर्ट के अनुसार……

ANNEXURE I (Press Release dated May 27, 2008, of the US Treasury Department)

Zaki-ur-Rehman Lakhvi

AKAs: Zakir Rehman Lakvi

Zaki Ur-Rehman Lakvi

Zaki Ur-Rehman

Zakir Rehman

Abu Waheed Irshad Ahmad Arshad

Chachajee

Address 1: Barahkoh, P.O. DO, Tehsil and District Islamabad, Pakistan

Address 2: Chak No. 18/IL, Rinala Khurd, Tehsil Rinala Khurd, District

Okara, Pakistan

DOB: 30 December 1960

POB: Okara, Pakistan

Father’s Name: Hafiz Aziz-ur-Rehman

National ID#: 61101-9618232-1

Zaki-ur-Rehman Lakhvi is LET’s chief of operations. In this capacity, Lakhvi has directed LET military operations, including in Chechnya, Bosnia, Iraq, and Southeast Asia. Lakhvi instructed LET associates in 2006 to train operatives for suicide bombings. Prior to that, Lakhvi instructed LET operatives to conduct attacks in well-populated areas.

Lakhvi, in 2004, sent operatives and funds to attack U.S. forces in Iraq. Lakhvi also directed an LET operative to travel to Iraq in 2003 to assess the jihad situation there.

ये दस्तावेज़ बता रहे हैं कि चेचेन्या, बोस्निया, इराक़ और दक्षिण पूर्वी एषिया में हमलों का निर्देशन, आत्मघाती हमलों की तैयारी करवाना ज़की उर रहमान के खाते में ही जाता है। 26,11 मुम्बई हमले में भी सरहद पार बैठकर फोन पर जो आका जानकारी दे रहा था, उन नामों में ज़की उर रहमान भी शुमार है। जब लष्करे तैयबा का ये आतंकवादी ज़की उर रहमान उर्फ़ चाचा के नाम से जाना जाता है, तो फिर ये एटीएस की फेहरिस्त में अब तक क्यों नहीं है?

फिलहाल ज़की उर रहमान उर्फ़ चाचा पाकिस्तान की जेल में है। लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि वो जेल में बैठे बैठे ही फोन पर भारत में हमले की साजिश रच रहा हो। वो जिस मुल्क की जेल में है, उसके बारे में ये भी कहा जाता है कि पाकिस्तान ने दहशतगर्दी को अपनी स्टेट पॉलिसी बना ली है। ऐसे में हैरानी की बात नहीं कि ज़की उर रहमान उर्फ़ चाचा जेल से ही लष्करे तैयबा का नेटवर्क चला रहा हो। भारत के खिलाफ नयी नयी साज़िश रच रहा हो और हमारी खुफ़िया इदारों की बातें सुनकार हंस भी रहा हो।

ऐसे में यही सवाल पैदा होता है, असली चाचा कौन है, ज़की उर रहमान उर्फ़ चाचा या फिर 1993 का भगोड़ा बशीर ख़ान। चाचा तफ्तीश का विशय है। और इसे बड़ी ही गंभीरता से लिया जाना चाहिए। क्यों हमारा खुफियातंत्र संजीदगी नहीं दिखाता है? क्यों करोड़ों खर्च करने के बाद नतीजा सिफर ही निकलता है? चाचा जो भी हो, उसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। क्योंकि वो पाकिस्तान में बैठा है और वो हमारे देश में फिर से आतंक फैलाने की साजिश रच रहा है। क्यों हमारे लाल बुझक्कड, अातंकी चाचा को खोज नहीं पा रहे हैं? कहीं ऐसा ना हो कि इनकी खोज प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही हमें फिर अपनों को खोना पड़े।

-संदीप कुमार सिंह