कौन है असली चाचा……?

6
266

बीते दिनों मुम्बई में दो आतंकियों को गिरफ्तार किया, जो धमाके की योजना बना रहे थे। गिरफ्तार आतंकी अब्दुल लतीफ और रियाज़ अली पाकिस्तान के कराची के किसी चाचा से बात करते थे। चाचा ही उन्हें बताता था कि उन्हें कब क्या करना है। इसका खुलासा होते ही चाचा का रहस्य जानने में सारे लालबुझक्कड़ लग गए। फोन कॉल ट्रेस किए गए लेकिन खुफिया एजेंसियों के हाथ कुछ ख़ास ना लग पाया। तभी एटीएस के एक अधिकारी ने कहा कि बशीर खान के चाचा होने से इन्कार नहीं किया जा सकता। हालांकि अभी हम पक्के तौर पर कुछ नहीं कह सकते। मीडिया के सामने चाचा का खुलासा करने का खमियाज़ा अधिकारी को उठाना पडा, तुरंत नप गए। चाचा की तलाश अब भी जारी है। कयास लगाया जा रहा है कि बषीर ख़ान चाचा हो सकता है। लेकिन हमारे खुफिया तंत्र की खुफियागिरी तो देखिए ये भूल गए कि लश्‍करे तैयबा में चाचा कौन है?

अमरीकी सरकार ने मई 2008 में जब लश्‍करे तैयबा के चार दहशतगर्द हाफिज़ मोहम्मद सईद, ज़कीउर रहमान लखवी, हाज़ी मुहम्मद अशरफ़ और मोहम्मद अहमद बहाज़िक की सपंत्ति ज़ब्त करने का आदेश जारी किया था तो साथ ही इन चारों की वो कुंडली भी जारी की, जिसमें ये साफ था कि ये चारों किन किन नामों का इस्तेमाल करते हैं और इनके क्या क्या काम हैं? उन्हीं चार दहशतगर्र्दों में से एक ऐसा आतंकी भी है, जो चाचा नाम का इस्तेमाल करता है जिसका ठेका दूसरे मुल्कों में आतंकी हमले करवाने का है। लेकिन वो षायद हमारी खुफिया तंत्र की फेहरिस्त में नहीं है। अमेरिका की रिपोर्ट के अनुसार……

ANNEXURE I (Press Release dated May 27, 2008, of the US Treasury Department)

Zaki-ur-Rehman Lakhvi

AKAs: Zakir Rehman Lakvi

Zaki Ur-Rehman Lakvi

Zaki Ur-Rehman

Zakir Rehman

Abu Waheed Irshad Ahmad Arshad

Chachajee

Address 1: Barahkoh, P.O. DO, Tehsil and District Islamabad, Pakistan

Address 2: Chak No. 18/IL, Rinala Khurd, Tehsil Rinala Khurd, District

Okara, Pakistan

DOB: 30 December 1960

POB: Okara, Pakistan

Father’s Name: Hafiz Aziz-ur-Rehman

National ID#: 61101-9618232-1

Zaki-ur-Rehman Lakhvi is LET’s chief of operations. In this capacity, Lakhvi has directed LET military operations, including in Chechnya, Bosnia, Iraq, and Southeast Asia. Lakhvi instructed LET associates in 2006 to train operatives for suicide bombings. Prior to that, Lakhvi instructed LET operatives to conduct attacks in well-populated areas.

Lakhvi, in 2004, sent operatives and funds to attack U.S. forces in Iraq. Lakhvi also directed an LET operative to travel to Iraq in 2003 to assess the jihad situation there.

ये दस्तावेज़ बता रहे हैं कि चेचेन्या, बोस्निया, इराक़ और दक्षिण पूर्वी एषिया में हमलों का निर्देशन, आत्मघाती हमलों की तैयारी करवाना ज़की उर रहमान के खाते में ही जाता है। 26,11 मुम्बई हमले में भी सरहद पार बैठकर फोन पर जो आका जानकारी दे रहा था, उन नामों में ज़की उर रहमान भी शुमार है। जब लष्करे तैयबा का ये आतंकवादी ज़की उर रहमान उर्फ़ चाचा के नाम से जाना जाता है, तो फिर ये एटीएस की फेहरिस्त में अब तक क्यों नहीं है?

फिलहाल ज़की उर रहमान उर्फ़ चाचा पाकिस्तान की जेल में है। लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि वो जेल में बैठे बैठे ही फोन पर भारत में हमले की साजिश रच रहा हो। वो जिस मुल्क की जेल में है, उसके बारे में ये भी कहा जाता है कि पाकिस्तान ने दहशतगर्दी को अपनी स्टेट पॉलिसी बना ली है। ऐसे में हैरानी की बात नहीं कि ज़की उर रहमान उर्फ़ चाचा जेल से ही लष्करे तैयबा का नेटवर्क चला रहा हो। भारत के खिलाफ नयी नयी साज़िश रच रहा हो और हमारी खुफ़िया इदारों की बातें सुनकार हंस भी रहा हो।

ऐसे में यही सवाल पैदा होता है, असली चाचा कौन है, ज़की उर रहमान उर्फ़ चाचा या फिर 1993 का भगोड़ा बशीर ख़ान। चाचा तफ्तीश का विशय है। और इसे बड़ी ही गंभीरता से लिया जाना चाहिए। क्यों हमारा खुफियातंत्र संजीदगी नहीं दिखाता है? क्यों करोड़ों खर्च करने के बाद नतीजा सिफर ही निकलता है? चाचा जो भी हो, उसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। क्योंकि वो पाकिस्तान में बैठा है और वो हमारे देश में फिर से आतंक फैलाने की साजिश रच रहा है। क्यों हमारे लाल बुझक्कड, अातंकी चाचा को खोज नहीं पा रहे हैं? कहीं ऐसा ना हो कि इनकी खोज प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही हमें फिर अपनों को खोना पड़े।

-संदीप कुमार सिंह

6 COMMENTS

  1. home minister dawa karte hai k hamara khufia tanta bahut majboot hai. par tumhare article me likhe tathyo ki or kisi adhikari ne socha tak nahi. yahi vajah hai k har bar ham atankio aur ugrawadio se do kadam peeche hi rehte hai. well done sandeep, tumhari resarch bahut badhiya aur sattadhariyo ki ankhen kholni wali hai. American report ka hawala dene k baad bharat sarkar bhi is fact ko maan legi, ye bhi tay hai.

  2. i only want to say that after read sandeep’s article….agar hamara desh ab bhe nahe jaga to un he baikashoro ka khoon bahata rahaga…..chacha chahe basher ya lakbhe….ya ye dono ek he ho…..par alag hame apne desh ko en dahasat gardo se bachana hai to…..hamare desh ke goverment, khoofiya agencies ko PAPA banna he padhega…….anyway lage raho sandeep ….kyoke mujhe ummed nahe ke hamare desh ke sarkar kabhe sajak hoge….tumhare lekh padh kar aam janta he jaag jaye…

  3. good work i hope ki humare desh k laalbujhkkad is artical ko pde or desh ka kuch bhala ho.khair is baat k baare me hume btane k liye dhanywad.dua karte hai aap is tarah hume aatankiyo se n POK se judi hui khabre dete rhenge.aap apni muhim chalu rkhiye inshaalaah kbi to in laalbujhkaddon k kan pr ju rengega.

  4. sandeep ji khoji patarkarita ke liye sadhuwad. keep it up coz ye ek aisa mudda hai jisne na sirf logo ki mansikta par hamla kiya h balki manavta ka bhi khoon kiya hai.hope aapke qalam ki dhar aur paini hogi.

  5. is baat mein koi shuba hi nahin ke pakistan mein dehsahtgardi state policy ban chuki hai. ye baat amrica bhi achchi tarah samajhta hai. tabhi to pakistan ke videsh mantri ki amrica mein stretegic dialouge ek dum tay tay phis hi rahi. Leking duniya ko dehshatgardi ke dansh se bachane ke liye pakistan ko madad jari rakhna majboori hai. Lekin aise mein baharat ko apni kootnitik khoshishen jaari rakhi chaiye kiyonki pakistan ke ye zara bhi pasand nahin ke Bharat afghansitan ke nav nirmaan mein barh charh ko aage kiyon aa raha hai.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here