आखिर क्यों युवराज की करीबी दूरी में बदल रही है ?

1
170

rahulकहते है कि युवराज को कोई चीज बिना मांगे ही मिल जाती है और जब तक युवराज उस चीज की मांग करता है तब तक वे चीज उसके सामने हाजिर हो जाती है पर यहाँ तो स्थिति उल्टी ही है युवराज बेचारा हर बार कहता है कि वे अब बड़ा हो गया है और जिम्मेदारी उठा सकता है पर महारानी का पद लोभ और युवराज का अपरिपवक्क व्यवहार महारानी को उनके पद से दूर नही जाने दे रहा है और युवराज को पद के करीब नही आने दे रहा है । कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी को खबरो के अनुसार हर आने वाले महीने मे राजतिलक कराने के सपने दिखाएं जाते है पर हर बार उनका राजतिलक या तो स्थिगित हो जाता है या कुछ समय के लिए आगे बढ़ जाता है । इस बार भी उनके साथ कुछ ऐसा ही हुआ , इस बार उम्मीद थी कि दिसम्बर तक उनका प्रमोशन हो जाएगा और वे उपाध्यक्ष से अध्यक्ष बन जाएगें पर हर बार की तरह इस बार भा उनका प्रमोशन चुनावों तक रोक दिया गया है । इस बार कांग्रेस पार्टी ने पूरे नियम कायदे मानते हुए और पूरी प्रक्रिया का पालन कर राहुल गांधी का नाम अध्यक्ष के लिए प्रस्तावित किया था पर कुर्सी इस बार भी हाथ आते –आते दूर हो गई ।
कांग्रेस पार्टी का कहना है कि चुनावों के बाद उनको अध्यक्ष का पद दिया जाएगा । पार्टी के इस फैसले को आने वाले चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा हैं क्योंकि चुनाव पूर्व आने वाले सर्वो मे और पार्टी के आन्तरिक सर्वे मे भी इस बात की पुष्टि होती दिख रही है कि यूपी एंव पंजाब चुनावों मे पार्टी को सत्ता मिलना मुश्किल है और ऐसे समय मे अगर पार्टी राहुल गांधी को अध्यक्ष बना देती है तो इन दोनों राज्यों की हार कि जिम्मेदारी सीधे तौर पर उनके कन्धे पर आ जाएंगी । और गांधी परिवार पर हार की जिम्मेदारी आने पर कांग्रेस पार्टी कुछ भी बोल पाने की स्थिति मे नही रह पाएंगी । अध्यक्ष पद और राहुल गांधी के बीच की दूरी बढ़ने का एक कारण यह भी हो सकता है कि हालफिलहाल मे हुई घटनाओं पर राहुल गांधी का बचकाना व्यवहार । जिसमे नोटबंदी और सैनिक की आत्महत्या के मामले को राजनैतिक रंग देकर उस पर जिस तरह की बयानबाजी की गयी थी उससे जनता के बीच पार्टी और राहुल गांधी की गलत छवि बनी है । साथ ही पार्टी के बड़े तबके का ऐसा भी मानना है कि अगर यूपी चुनाव से पहले राहुल गांधी को अध्यक्ष बना दिया गया तो पार्टी के जमीनी स्तर के कार्यकर्त्ता जिन्हें उम्मीद है कि शायद प्रियका गांधी को भी पार्टी मे जल्द बड़ी भूमिका मिलेगी वे पार्टी से नाराज हो जाएंगे जिसका असर चुनाव के नतीजे और बाकी बचे दिनों मे चुनाव की तैयारी पर पड़ेगा और बूथ स्तर से बगावत के सुर उठने लगेंगे । पार्टी अभी इस बगावत को दबाये रकने के लिए कोशिश कर रही है और इसीलिए उपाध्यक्ष से अध्यक्ष पद की दूरी थोड़ी और बढ़ा रही है ।
अगर कांग्रेस पार्टी मे फूट पड़ गयी तो इसका सीधा फयदा यूपी मे भाजपा को मिलने वाला है क्योंकि यहाँ सपा पहले से ही बगावत की आग मे परेशान है , बसपा का आधार कमजोर हो ही रहा है , ऐसे मे कांग्रेस पार्टी अपने पास को वोटों को दूर नही करना चाहेगी । पार्टी के पास एक समस्या इस समय यह भी है कि पार्टी के बुजुर्ग और अनुभवी नेता राहुल गांधी को अभी अध्यक्ष बनाने के लिए तैयार नही है । उनका कहना है कि पार्टी एंव देश जिस दौर से गुजर रहा है ऐसे मे सोनिया गांधी को अभी कुछ समय तक पार्टी की कमान अपने पास ही रखना चाहिए । पार्टी के अन्दर से ही एक आवाज यह भी उठ रही है कि अगले लोकसभा चुनाव से कुछ समय पहले राहुल गांधी को अध्यक्ष पद एंव प्रधानमंत्री पद का दावेदार घोषित करना चाहिए । जिससे चुनाव से पहले उन्हे कुछ तैयारी का मौका मिल सके और उन पर एकाएक जिम्मेदारी का पहाड़ न टूटे ।

इन सब कयासो और उम्मीद से दूर राहुल गांधी अध्यक्ष पद की कुर्सी और अपने बीच की दूरी को कम करने का जितना प्रयास कर रहे है कुर्सी उनसे उतनी ही दूर चली जा रही है । कही जाने अनजाने मे ऐसा न हो कि महारानी के युवराज प्रेम के कारण युवराज को अपने पद प्रेम से दूर होना पड़ जाएं ।

1 COMMENT

  1. कॉंग्रेस को ख़ुद यह विश्वास नहीं कि राहुल बची खुची पार्टी को बचा पायेंगे वैसे भी राहुल राजनीति को पार्ट टाईम जॉब मानते हैं यह नेताओं की सोच है

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

* Copy This Password *

* Type Or Paste Password Here *

17,379 Spam Comments Blocked so far by Spam Free Wordpress