जन-जागरण

पाकिस्तान में भारती का जबरन धर्मांतरण क्यो

शादाब जफर ‘शादाब’

पाकिस्तान कराची शहर में मैने एक नाबालिग हिंदू लडकी के जबरदस्ती धर्म परिवर्तन का जब मैने समाचार कुछ समाचार पत्रो में पढा तो मुझे न जाने क्यो अजीब सा लगा। हिंदू लडकी के परिवार ने यू तो लडकी को जबरदस्ती मुस्लिम धर्म अपनाने और बाद में एक मुस्लिम युवक के साथ निकाह कराने की की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई है पर में बार बार ये बात सोच रहा हॅू कि क्या लडकी के पिता नारायण दास या उस की दिल की मरीज मां को पाकिस्तान जैसे जालिम देश में इन्साफ मिल पायेगा। क्या पाकिस्तान के मानवधिाकार के पेरोकार नारायण दास की इकलौती संतान उसे उसी रूप में वापस दे पायेगे। उस लडकी की जिंदगी क्या कभी फिर से किसी चिडिया के समान अपने घर आंगन में चह चहायेगी, शायद अब कभी ऐसे न हो। दरअसल पाकिस्तान के कराची शहर के लायरी कस्बे में ये इस तरह की 18वी घटना है।

में पूछना चाहता हूं पाकिस्तान के राहनुमाओ और उल्लेमाओ से की ये उन का कैसा इस्लाम मजहब है। दरअसल इन लोगो ने झूठ और मक्कारी कर कर के छोटे छोटे मासूम गरीब बच्चो को पैसे और जन्नत का लालच देकर उन की जिंदगी को जहन्नुम बना कर रख दिया है। ये झूठे और मक्कार लोग इस्लाम का नाम दुनिया में बदनाम कर रहे है। इन मासूम बच्चो के हाथो में बंदूके दे देते कभी बदन पर बम बांध कर ये कह कर खुदा हाफिज करते है कि जाओ मेरे बच्चो अब मुलाकात जन्न्त में होगी अल्लाह ने तुम्हे अपने काम के लिये कबूल कर लिया और ये लोग इन्हे मस्जिदो में घुसाकर नमाजियो पर गोलिया बरसा देते है कुछ को भीड में भेजकर बेगुनाह लोगो के टुक्डे उडा देत है। में इन लोगो से ये पूछना चाहता हॅू कि ये लोग खुद क्यो ऐसी तथाकर्थित जन्नत के हकदार नही बनते या अपने बेटो को ऐसे जन्नत का हकदार बनाना क्यो पसंद नही करते, क्यो कि इन्हे पता है ऐसा कुछ नही है अल्लाह ऐसे किसी भी अमल से खुश नही होता जिस से बेगुनाहो का खून बहे या किसी इन्सान को दुख पहॅुचे। क्या ये मोहम्मद साहब द्वारा फैलाया इस्लाम मजहब है या पाकिस्तान के कट्टरपंथियो द्वारा बनाया इस्लाम मजहब। क्यो कि मै जिस इस्लाम को मानता हॅू वो इस्लाम तो ऐसा करने की कतई इजाजत नही देता कि आप किसी गैर मजहब की नाबालिग गैर महरम को उस के घर से उस के मां बाप की इजाजत के बगैर उठा लाये और उसे जबरदस्ती इस्लाम धर्म अपने के लिये मजबूर कर के उस की मर्जी के बगैर उस का निकाह कर के उस का नाम आयशा रख दे। भाई ये कैसे इस्लाम मजहब बना लिया पाकिस्तान के उल्लेमाओ ने, क्या ये लोग भूल गये की इस्लाम धर्म के संस्थापक अल्लाह के द्वारा इस्लाम का प्रचार करने वाले दुनिया में भेजे आखिरी पैगम्बर मौहम्म्द साहब सल. के चचा अबु तालिब मरते दम तक इस्लाम में दाखिल नही हुए थे, पर क्या मोहम्मद साहब ने कभी उन पर जोर जबरदस्ती की के आप इस्लाम में दाखिल हो जाओ उन के अलावा अबु बर्कर, या हजरत उमर ने किसी की बहू बेटी को इस तरह इस्लाम में दाखिल कराया में समझता हॅू ऐसी या इस तरह कि कोई मिसाल इस्लाम में न तो है और न हो सकती है। नारायण दास ओर भारती के मां पर कया गुजर रही होगी में इस दर्द को अच्छी तरह समझ सकता हॅू क्यो कि में भी एक बेटी का बाप हूँ।

दरअसल इस के पीछे पाकिस्तान की एक बहुत बडी सोची समझी नापाक चाल है वो ये सारे हथकंडे सारे खेल आईएसआई के कहने पर कर रहा है। क्यो कि पाकिस्तान शुरू से ही हिंदुस्तान की तरक्की से जलता रहा है साथ ही सरहद के रास्ते चोरी छुपे समय समय पर आतंकवादी और आतंकवाद में इस्तेमाल होने वाली साम्रगी वो भेजता रहा है। एक ओर पाकिस्तान के हुक्मरान अमन और चैन की बाते कर के दोस्ती का हाथ मिलाने हमारे देश आते है और वापस अपने देश जाकर कारगिल की लडाई छेड देते है। दरअसल पाकिस्तान इस वक्त बौखलाया हुआ है। एक तो मुम्बई हमले के बाद भारत में कसाब पकडा गया, संसद पर हमले का आरोपी अफजल गुरू जेल में बंद है, पाकिस्तान को मालामाल करने वाला दुनिया का खूंखार आतंकवादी ओसामा पाकिस्तान में मारा गया जिस से पाकिस्तान की अतंरराष्ट्रीय मंच पर खूब बदनामी हुई उल्टे अमेरिका ने 70 लाख डॉलर की मदद बंद कर दी, तो आखिर वो भारत में दंगे या आतंकवादी घटनाए कराए तो कराए कैसे बस वो इसी जुगत में लगा है, और कोई ऐसी तरकीब निकालना चाहता है कि हिंदुस्तान में दंगे भी हो और उस का नाम भी न हो। बस ये ही सोचकर वो पाकिस्तान में कभी अल्पसंख्यको के मंदिर गिराता है कभी बाढ राहत कैम्प में गो मांस वितरत कराता है, कभी अपने देश के अल्प्संख्यको की बेटियो के साथ जुल्म जबरदस्ती करता है तो कभी उन की बेटियो का जबरन धर्मांतरण कर के हिंदुस्तान के बहुसंख्यको की भावनाओ को भडकाना चाहता है। उसे पता है ये भारत में भारत की एकता अखंडता को खंड खंड करने का सब से अच्छा और आसान तरीका है।

पर हमे पाकिस्तान की ऐसे हरएक चाल से चौकस रहना होगा जो काम बरसो पहले अंग्रेज ने किया था पाकिस्तान भी उसी रास्ते पर चलकर हमारी एकता की डोर को तोडना चाहता है पाकिस्तान अपने देश के अल्पसंख्यको पर हमले कर के ये चाहता है कि भारत के बहुसंख्यक वहा के अल्प्संख्यको पर इसी तरह हमले करे और देश में हिंदू मुस्लिम फसाद हो पर मेरे दोस्तो हमे एकता के एक सूत्र में बधे रहना है तभी हम इन लोगो का और पाकिस्तान के राहनुमाओ और उन की इन नापाक चालो का सामना कर पायेगे और जवाब दे पायेगे की हम एक।