सिर्फ़ हाथों को नहीं दिल भी मिलाये रखना,
वर्ना मुमकिन नहीं यारी को निभाये रखना।
ये उनपे छोड़िये क्या करते हैं ज़मानेवाले,
ठीक है या नहीं अहसास दिलाये रखना ।
हमने धोखा दिया पर हमको ना धोखा देना,
मैं हूं ममता मेरी सरकार चलाये रखना।
आंख नम होगी तो लोग बचंेगे तुमसे,
अपने होंटों पे तबस्सुम को सजाये रखना।
तुम्हारी बात ज़माने मंे सनद होती है,
तुम अपनी बात का विश्वास बनाये रखना।
नाम पर धर्म के खून बहाओ लेकिन,
देश मांगेगा लहू थोड़ा बचाये रखना।
तुमको पूजेगा ज़माना बड़ी इज़्ज़त देगा,
अपने ईमान को बिकने बचाये रखना।
जैसे मां बच्चे को सीने से लगाकर रक्खे,
तुम मेरी याद को यूं दिल में बसाये रखना।।
नोट-अहसासः अनुभूति, तबस्सुमः मुस्कुराहट, सनदः सबूत
भाई इक़बाल जी,
नैतिकता का परचम बुलंद रहे, इसलिए अपनी मुहीम चलाये रखना.