आंख नम होगी तो लोग बचेंगे तुमसे…..

इक़बाल हिंदुस्तानी

 

सिर्फ़ हाथों को नहीं दिल भी मिलाये रखना,

वर्ना मुमकिन नहीं यारी को निभाये रखना।

 

ये उनपे छोड़िये क्या करते हैं ज़मानेवाले,

ठीक है या नहीं अहसास दिलाये रखना ।

 

हमने धोखा दिया पर हमको ना धोखा देना,

मैं हूं ममता मेरी सरकार चलाये रखना।

 

आंख नम होगी तो लोग बचंेगे तुमसे,

अपने होंटों पे तबस्सुम को सजाये रखना।

 

तुम्हारी बात ज़माने मंे सनद होती है,

तुम अपनी बात का विश्वास बनाये रखना।

 

नाम पर धर्म के खून बहाओ लेकिन,

देश मांगेगा लहू थोड़ा बचाये रखना।

 

तुमको पूजेगा ज़माना बड़ी इज़्ज़त देगा,

अपने ईमान को बिकने बचाये रखना।

 

जैसे मां बच्चे को सीने से लगाकर रक्खे,

तुम मेरी याद को यूं दिल में बसाये रखना।।

 

नोट-अहसासः अनुभूति, तबस्सुमः मुस्कुराहट, सनदः सबूत

 

 

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इक़बाल हिंदुस्तानी
लेखक 13 वर्षों से हिंदी पाक्षिक पब्लिक ऑब्ज़र्वर का संपादन और प्रकाशन कर रहे हैं। दैनिक बिजनौर टाइम्स ग्रुप में तीन साल संपादन कर चुके हैं। विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में अब तक 1000 से अधिक रचनाओं का प्रकाशन हो चुका है। आकाशवाणी नजीबाबाद पर एक दशक से अधिक अस्थायी कम्पेयर और एनाउंसर रह चुके हैं। रेडियो जर्मनी की हिंदी सेवा में इराक युद्ध पर भारत के युवा पत्रकार के रूप में 15 मिनट के विशेष कार्यक्रम में शामिल हो चुके हैं। प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ लेखक के रूप में जानेमाने हिंदी साहित्यकार जैनेन्द्र कुमार जी द्वारा सम्मानित हो चुके हैं। हिंदी ग़ज़लकार के रूप में दुष्यंत त्यागी एवार्ड से सम्मानित किये जा चुके हैं। स्थानीय नगरपालिका और विधानसभा चुनाव में 1991 से मतगणना पूर्व चुनावी सर्वे और संभावित परिणाम सटीक साबित होते रहे हैं। साम्प्रदायिक सद्भाव और एकता के लिये होली मिलन और ईद मिलन का 1992 से संयोजन और सफल संचालन कर रहे हैं। मोबाइल न. 09412117990

1 COMMENT

  1. भाई इक़बाल जी,
    नैतिकता का परचम बुलंद रहे, इसलिए अपनी मुहीम चलाये रखना.

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