ग़रीबों के सपनों को अरमान देता है ये बापू बाजार

मऊ। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के कुलपति प्रो सुन्दरलाल द्वारा प्रारंभ की गयी बापू बाज़ार श्रृंखला के अंतर्गत रविवार को पब्लिक महिला महाविद्यालय मुहम्मदाबाद मऊ में तीसरा बापू बाज़ार लगा। इस बाज़ार में बड़ी संख्या में गरीबों ने कपड़ों की खरीददारी की। गरीबों के लिए लगने वाला यह अनोखा बाज़ार हैं।

इस बाज़ार कि शुरुआत जौनपुर से हुई थी। इसमें बिकने वाले सामानों को राष्ट्रीय सेवा योजना के कैडेटों द्वारा समाज के लोगों से मांग कर जुटाया जाता हैं। गरीबों का आत्म सम्मान भी बना रहे और कपड़े भी मिल जाये इसलिए इनका प्रतीकात्मक मूल्य रख कर बापू बाज़ार में बेचा जाता है।

२९ राष्ट्रीय सेवा योजना की इकाइयों के सहयोग से लगायें गएँ इस बाज़ार में बिकने वाले कपड़ो की कीमत २ से १० रुपये रही। खास बात ये थी कि सिर्फ वो लोग इसमें खरीददार थे जो पहले से राष्ट्रीय सेवा योजना के कैडेटों द्वारा चिन्हित किये गए थे।बाज़ार में जुटे हजारों लोगों ले खूब खरीदारी की। इसमें साड़ी,पैंट,सलवार ,कमीज, आदि हर उम्र के लोगों के लिए कपडे, बर्तन थे।बाज़ार में मुफ्त में किताबें और खिलौनों को भी दिया गया।बापू का चरखा भी इस बाज़ार में देखने को मिला।

बापू बाज़ार का शुभारम्भ कुलपति प्रो सुन्दर लाल ने किया। उन्होंने कहा कि बापू बाज़ार के लिए जो बच्चों ने सामानों को घर -घर जा के जुटाया है ये बहुत ही पुण्य का काम है। जिसका फल भविष्य में निश्चित रूप से उनको मिलेगा। बापू का सपना था की समाज का हर वर्ग कंधे से कन्धा मिला कर चले। जो गरीब हैं उनके उत्थान के लिए भी हमें आगे आना चाहिए। बापू बाज़ार बस एक बाज़ार नहीं हैं ये एक विचार हैं जिसके कारण हमारे मन में समाज के निर्बल लोगों के प्रति प्रेम और सम्मान आता है।

उन्होंने कहा कि हमें जीवन में वस्तुओं का मूल्य समझना चाहिए । बहुत सारी वस्तुएँ जो हमारे लिए उपयोगी नहीं होती हैं। वो दूसरे के लिए बहुमूल्य हो सकती हैं। इसलिए ये हमारी नैतिक रूप से जिम्मेदारी होती हैं कि हम इन वस्तुओं को जरूरतमंदों तक पहुचाएँ। बापू बाज़ार के माध्यम से हम इसी काम को कर रहे हैं।

शिबली कॉलेज आज़मगढ़ के प्रबंधक मिर्ज़ा महाफुजुर्रहमान बेग ने कहा कि बाजारें तो बहुत सारी लगती हैं लेकिन बापू के आदर्शों को लेकर गरीबों के लिए किसी विश्वविद्यालय द्वारा इस तरह के बाज़ार लगाना अद्भुत हैं। बापू के विचारों को दुसरे देश के लोग अपना रहे हैं और हम भूलते जा रहे हैं।यह चिंता का विषय है।

राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ हितेंद्र प्रताप सिंह इस बाज़ार के कांसेप्ट को पुरे देश में सराहना की जा रही हैं आने वाले समय में इसको तहसीलों पर लगवाया जायगा।आज समाज के कई लोग स्वयं बापू बाज़ार के लिए कपड़ो को दे रहें हैं । यह बहुत सुखद हैं। छात्रों के मन में गरीबों के प्रति जो भाव पैदा हो रहे हैं वह जीवनपर्यत उनके साथ रहेंगे और एक नेक इन्सान बनाने में मदद करेगें। विधायक राजेंद्र कुमार ने कहा कि आज इन बच्चों को बापू बाज़ार के द्वारा समाज को समझने का मौका मिला हैं ।इसके साथ ही गरीबों की सहायता भी हुई है।

इस अवसर पर डॉ. आर एस यादव, संत लाल पाल, डॉ ब्रिजेश यदुवंशी, दिग्विजय सिंह राठौर,बाके सिंह, रामानंद यादव,मूल चंद,मुरलीधर यादव समेत कई कॉलेज के प्रबंधक , प्राचार्य एवं छात्रा छात्राएँ मौजूद थे।

-दिग्विजय सिंह राठौर

जनसंचार विभाग

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर

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