परिचर्चा

बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम पर परिचर्चा

राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन, जिसमें जदयू और भाजपा शामिल है, ने बिहार विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार जीत का परचम लहरा दिया है। 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में राजग को तीन चौथाई बहुमत मिला है। उसके 206 उम्मीदवार जीत गये हैं। चुनाव आयोग की ओर से घोषित नतीजों के अनुसार, जनता दल यूनाइटेड 115 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। उसकी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी को 91 सीटें मिली हैं। 2005 के विधानसभा चुनाव के हिसाब से सबसे ज्यादा फायदे में भारतीय जनता पार्टी रही। उसे पिछली विधानसभा के 55 सीटों के मुकाबले 36 अतिरिक्त सीटें मिली हैं। पिछली बार के मुकाबले नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने अपनी सीटों में 27 की बढ़ोतरी की। लालू प्रसाद यादव के राष्ट्रीय जनता दल की सीटें 54 से घटकर 22 हो गई हैं। राम विलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी को 7 सीटों का नुकसान हुआ और वह 10 से 3 पर आ गए। कांग्रेस 9 से 4 पर आ गई जबकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी भी अपने दो विधायकों से हाथ धो बैठी. उसे सिर्फ 1 सीट मिली है।

बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम की कुछ विशेष बातें-

-गुजरात के बाद दूसरी बार जनता ने विकास के लिए मतदान किया।

-बिहार चुनाव का संदेश-जो विकास करेगा, वही जीतेगा।

-बिहार के महारोग जातिवाद को ध्‍वस्‍त करते हुए जात-पांत से ऊपर उठकर मतदान किया।

-पिछले बार के चुनाव में ‘लालू हटाओ’ का नारा था यानी नकारात्‍क प्रचार अभियान, लेकिन इस बार सकारात्‍मक प्रचार अभियान था,’एनडीए ने विकास किया, इन्‍हें फिर से मौका दो।’

-मतदाताओं ने बाहुबलियों को नकार दिया।

-हिंसामुक्‍त चुनाव प्रक्रिया संपन्‍न हुए।

-राहुल गांधी का जादू नहीं चला। राहुल ने जिन 19 विधानसभा क्षेत्रों में जनसभाएं कीं, वहां केवल 1 स्‍थान पर कांग्रेस की जीत हुई। कांग्रेस को पिछले चुनाव में आए 9 के मुकाबले में सिर्फ 4 सीटों से संतोष करना पड़ा।

-बिहार में वामपंथी ताकतें अच्‍छी स्थिति में रहती थी, लेकिन इस बार उसकी झोली में भी पिछले चुनाव में आए 9 के मुकाबले में सिर्फ 4 सीटें ही आईं।

क्‍या बिहार चुनाव ने भारतीय राजनीति की दिशा तय कर दी है। बिहार चुनाव को लेकर आप क्‍या सोचते हैं, कृपया अपने विचार से सबको अवश्‍य अवगत कराएं।