हिंदू “आस्था” के भरोसे भाजपा, विपक्ष का मुस्लिम तुष्टिकरण का “राग”

प्रदीप कुमार वर्मा

अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के भव्य मंदिर का निर्माण, प्रयागराज के संगम तट पर महाकुंभ का विश्व स्तरीय आयोजन, होली के मौके पर संभल में कई सालों के बाद एकादशी का जुलूस , संभाजी नगर में औरंगजेब की कब्र पर घमासान। कर्नाटक में ठेकों में चार प्रतिशत मुस्लिम आरक्षण, उत्तर प्रदेश के कई शहरों में मेलों के आयोजन के नाम पर गाजी का गुणगान, सपा के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन द्वारा राणा सांगा पर कथित अपमानजनक टिप्पणी और रमजान के महीने में राजनेताओं की रोजा इफ्तारी, कुल मिलाकर देश का राजनीतिक “मिजाज” इन दिनों इन्हीं सब घटनाक्रम के इर्द-गिर्द घूम रहा है। ऐसा लगता है कि केंद्र की सत्ता पर काबिज़ भाजपा जहां हिंदुओं की आस्था और सनातन की एकता के भरोसे है, वहीं कांग्रेस और समाजवादी पार्टी सहित अन्य विपक्षी दलों ने “मुस्लिम तुष्टिकरण” को ही अपनी राजनीति का आधार बना लिया है।

           प्रख्यात अभिनेता विकी कौशल द्वारा अभिनीत संभाजी महाराज के जीवन पर बनी फिल्म “छावा” के प्रदर्शन के बाद मुगल शासक औरंगज़ेब का विवाद अब अपने चरम पर है जिसके चलते कई हिंदूवादी संगठन संभाजी नगर में बनी मुगल शासक औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग कर रहे हैं। औरंगजेब प्रकरण को लेकर ही नागपुर में बीते दिनों हिंसा हुई जहां अभी भी तनाव के हालात है। इसके साथ ही महाराष्ट्र के कई शहरों में अब औरंगजेब विवाद के नाम पर हिंदू और मुस्लिम पक्ष आमने-सामने है। मुगल शासक औरंगजेब के नाम पर शुरू हुआ विवाद अब उत्तर प्रदेश के संभल में सैयद सालार गाजी के नेजा मेले तक जा पहुंचा है।  संभल जिला प्रशासन ने नेजा मेले की अनुमति की मनाही करते हुए मेले पर रोक लगाने का ऐलान किया है। संभल में नेजा मेले पर रोक के साथ-साथ अब बहराइच में भी सैयद सालार गाजी की कब्र पर जेठ महीने में आयोजित होने वाले मेले पर भी संकट के बादल छा गए हैं।

      इन सभी स्थानों पर भी उत्तर प्रदेश सरकार और संबंधित जिलों के प्रशासन में मेले पर रोक लगा दी है। वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी आक्रांताओं के गुणगान को देशद्रोह से जोड़ने का बयान देकर इस मामले को और गर्मा दिया है। बहराइच में ही आयोजित कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विदेशी आक्रांता, जिन्होंने देश की संस्कृति और अवाम के प्रति क्रूरता की है वह हमारे आदर्श और हमारे नायक नहीं हो सकते। इसलिए आक्रांताओं के नाम पर आयोजित होने वाले मेले तथा अन्य कार्यक्रमों का कोई मतलब नहीं है। योगी आदित्यनाथ ने यहां तक कहा कि विदेशी आक्रांताओं का महिमा मंडन करना देशद्रोह माना जाएगा। इसके बाद उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में अब मुगल शासको को लेकर एक नई बहस शुरू हो गई है। योगी के इस ऐलान के बाद अभी माना जा रहा है कि सैयद सालार गाजी की याद में होने वाले कार्यक्रम अब संभव नहीं हो सकेंगे।

                उधर,नई दिल्ली में आयोजित एक रोजा इफ्तार पार्टी में कांग्रेस और सपा सहित अन्य दलों का मुस्लिम प्रेम एक बार फिर से उजागर हो गया है।  इस इफ्तार पार्टी में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, सपा की राज्यसभा सांसद जया बच्चन, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव तथा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खान के सहित अन्य विपक्षी नेता शामिल हुए। इस आयोजन के बाद भाजपा ने कांग्रेस तथा सपा को एक बार फिर से मुस्लिम तुष्टिकरण को बढ़ावा देने तथा देश में “मजहब” के नाम पर राजनीति करने के आरोप लगाए। भाजपा नेताओं का कहना है कि विपक्ष के नेता राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में नहीं गए। इसके साथ ही उन्होंने प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ से भी दूरी बनाई। ऐसे में कांग्रेस और सपा द्वारा मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए इफ्तार पार्टी में शिरकत करना कितना जरूरी है, यह देश की जनता जानती है।

            एक अन्य बड़े घटनाक्रम में शुक्रवार को कर्नाटक विधानसभा में सरकारी ठेकों में मुसलमानों को चार प्रतिशत आरक्षण देने का बिल पास कर दिया। सोमवार को संसद में इस मुद्दे को लेकर भाजपा ने हंगामा किया। भाजपा नेताओं ने कहा कि धर्म के आधार पर आरक्षण देने का प्रावधान संविधान के विरुद्ध और इस पर कांग्रेस को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। कर्नाटक सरकार के इस कदम को भी भाजपा मुस्लिम तुष्टिकरण से जोड़कर देश में एक खास मजहब के लोगों को बढ़ावा देने के आरोप बता रही है। इसके साथ ही भाजपा का कहना है कि यह आरक्षण पिछड़े वर्ग के कोटे से दिया गया है जिससे भी कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों का पिछड़े वर्ग के प्रति झूठा प्रेम उजागर हो गया है। समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी द्वारा मुगल शासक औरंगज़ेब की महिमा मंडन से शुरू हुआ क्रम अब राजस्थानों के वीर सपूतों के अपमान तक आ पहुंचा है। राष्ट्र नायकों के अपमान का यह काम इस बार भी समाजवादी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन ने किया है। 

                 संसद में बहस के दौरान सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने राजस्थान के वीर योद्धा राणा सांगा को गद्दार कहकर सनसनी फैला दी है। भाजपा का कहना है कि औरंगजेब से लेकर सैयद सालार गाजी के पक्ष में बयानबाजी करने के बाद अब समाजवादी पार्टी द्वारा राष्ट्र नायकों के अपमान का यह कृत्य चुनावी राजनीति के लिए मुस्लिम तुष्टिकरण माना जा रहा है। भाजपा का यह भी कहना है कि उत्तर प्रदेश में हुए उप चुनाव में करारी हार के बाद अब सपा वर्ष 2027 में होने वाले उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए मुस्लिम वोट बैंक का ध्रुवीकरण करना चाहती है।  कुल मिलाकर देश में इन दिनों हालात ऐसे हैं कि राम मंदिर निर्माण से लेकर महाकुंभ के आयोजन को भाजपा हिंदू और सनातनी एकता बता कर देश की संस्कृति एवं विरासत को सुरक्षित करने तथा देश में सद्भाव फैलाने का प्रयास मान रही है। वहीं, इसके उलट कांग्रेस एवं समाजवादी पार्टी सहित अन्य राजनीतिक दल मुस्लिम तुष्टिकरण के कथित प्रेम में डूब कर अपनी राजनीति चमकाने में लगे हैं।

प्रदीप कुमार वर्मा

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