क्या कोलकाता , क्या खड़गपुर गया हो या टाटा कोरोना वायरस से कांपी दुनिया गांव शहर है सन्नाटा हर चेहरे पर चस्पा दहशत दौर कुछ ऐसा आया है . कैसी होगी भविष्य की दुनिया सोच कर दिल घबराया है . घर से चलेंगे बाबुओं के दफ्तर गरीब भटकेंगे दर – ब- दर अहसास से मन अकुलाया है , दौर कुछ ऐसा आया है . बंद कमरों में होली – दीवाली दूर की कौड़ी बकलौली – बतरस व्वाट्सएप पर मिलेंगे स्नेह निमंत्रण स्क्रीन पर मिटेगी शादी – बारात की हसरत भयाकुल मन भरमाया है दौर कुछ ऐसा आया है .