देश में एक अप्रैल से देश के 6-14 उम्र के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा देने का क़ानून लागू हो गया है. केंद्र सरकार ने पिछले साल बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार एक्ट-2009 को मंज़ूरी दी थी. यह क़ानून देश के नौनिहालों को कितना शिक्षित कर पाता है, यह तो आने वाला वक़्त ही बताएगा, क्योंकि पहले बने क़ानूनों में भी बच्चों को शिक्षा देने की वकालत की गई थी, लेकिन उनका क्या हश्र हुआ? भारतीय संविधान के अनुछेच्द 45 में 0-14 उम्र के बच्चों को शिक्षा देने की बात कही गई और 2002 में 86 वें संशोधन में शिक्षा के अधिकार का ज़िक्र है. यह विडंबना ही है कि देश में क़ानून बन तो जाते हैं, लेकिन उन पर अमल नहीं हो पाता.
अब नए क़ानून में कई अच्छी बातें कही गई हैं. इस क़ानून की सबसे बड़ी ख़ासियत यह है कि अब सरकार के लिए उन बच्चों को शिक्षित करना जरूरी हो गया है जो 6-1