-मनमोहन कुमार आर्य

आर्यसमाज के जिला स्तरीय संगठन ‘आर्य उपप्रतिनिधि सभा, देहरादून’ की ओर से एक सभा व गोष्ठी आज दिनांक 11.00 बजे पं. दीन दयाल पार्क निकट घंटाघर पर आयोजित हुई जिसमें आर्यसमाज के अनेक प्रतिनिधि, आर्यसमाजी विद्वान एवं नेता सम्मिलित हुए। इस सभा को आर्य विद्वानों एवं नेताओं ने सम्बोधित किया। सभा का संचालन जिला आर्य उपप्रतिनिधि सभा, देहरादून के प्रधान श्री शत्रुघ्न कुमार मौर्य ने किया। उन्होंने बताया कि सी.ए.ए. कानून क्या है? उन्होने कहा कि इस कानून में पाकिस्तान, बंग्लादेश तथा अफगानिस्तान से भारत आये वहां के बहुसंख्यों के अमानवीय अत्याचारों से पीड़ित अल्पसख्यक समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है। इस कानून के अनुसार सन् 2014 तक भारत आये लोगों को नागरिकता दी जायेगी। इस कानून में भारत के किसी नागरिक को देश से बाहर भेजने का प्रावधान नहीं है। इस कानून के विरोध में देश में जो संगठित हिंसा व आगजनी आदि की घटनायें हुई हैं वह सब सुनियोजित थी जिनके पीछे देश के असामाजिक एवं देश विरोधियों का हाथ था। देश के यशस्वी प्रधान मंत्री एवं गृहमंत्री सहित उनकी पार्टी के विरोधी लोग ही मुख्यतः सीएए विरोधी आन्दोलन में सम्मिलित रहे हैं। सीएए तथा एनआरसी के विरोध को विद्वानों ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि सीएए विरोधी आन्दोलन का विरोध एवं इसका सीएए का समर्थन सभी राष्ट्रवादी शक्तियों को मत-मतान्तरों एवं राजनीति से ऊपर उठकर करना चाहिये। वक्ताओं ने सीएए के विरोध को देशहित व मानवीयता के विरुद्ध बताया गया। वक्ताओं द्वारा कहा गया कि यदि देश विरोधी शक्तियों का पुरजोर विरोध न किया जाये तो इससे देश का वातावरण खराब होने के साथ निर्दोष लोगों के जान व माल को खतरा होता है। अतः आर्यसमाज द्वारा एक स्वर से सीएए व एनआरसी कानून का समर्थन एवं इसके विरोधियों का विरोध किया गया।
सभा वा गोष्ठी का आरम्भ गायत्री मंत्री व प्रार्थना मत्रों के पाठ से आरम्भ से किया गया। सभा का संचालन करते हुए जिला आर्य उपप्रतिनिधि सभा, देहरादून के यशस्वी प्रधान श्री शत्रुघ्न कुमार मौर्य ने कहा कि आर्यसमाज के अनुयायी देश में हो रही गतिविधियों का अपनी राष्ट्रवादी विचारधारा के अनुसार विचार करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि सभी देशवासियों व राजनीतिक दलों को देश व समाज हित में ही काम करने चाहियें। उन्होंने बताया कि आर्यसमाजों की जिला प्रतिनिधि सभा इस ओर विशेष ध्यान रखती है और काम करती है। श्री मौर्य ने सभा के अतीत के कार्यों का उल्लेख भी किया। उन्होंने कहा कि देश की केन्द्रीय सरकार ने देश के नागरिकता कानून में संशोधन कर उसका सुधार किया है। हम इस नये कानून के समर्थन में देश की सरकार को मजबूत करने व उसका समर्थन करने के लिए यहां उपस्थित हुए हैं। हमारे समर्थन का मुख्य कारण यह है कि यह कानून देश हित व मानवता के हित में है। सभी देशवासियों को इस नये कानून का पूरे हृदय व भावनाओं के साथ समर्थन करना चाहिये। श्री मौर्य ने कहा कि समाज व देश में जागरुकता पैदा करने के लिये इस गोष्ठी को किया जा रहा है। श्री मौर्य ने आगे कहा कि देश के नागरिक सीएए के देशहित के पक्ष को भलीभांति समझते हैं। वह उचित व अनुचित को जानते हैं। अधिकांश नागरिक जागरुक हैं। उन सबको बाहर आकर सरकार का समर्थन करना चाहिये जिससे राष्ट्र विरोधी शक्तियों का क्षय एवं पराभव हो। वक्ताओं ने कहा कि हमें सीएए के लाभों व गुणों को गहराई से जानना चाहिये और उसका प्रचार करना चाहिये। सबने कहा कि हम सीएए का पुरजोर समर्थन करते हैं। श्री मौर्य ने बताया कि गोष्ठी की समाप्ति के बाद हमारा एक प्रतिनिधि मण्डल जिलाधिकारी महोदय के कार्यालय में जाकर सीएए और एनआरसी के समर्थन में प्रधानमंत्री को सम्बोधित एक ज्ञापन जिला अधिकारी महोदय को देगा।
जनपद की आर्य उपप्रतिनिधि सभा के मंत्री श्री भगवानसिंह राठौर ने प्रधानमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन को सभा में पढ़कर सुनाया। उन्होंने बताया कि वह इस प्रस्ताव को सभी समाजों की ओर से प्रधानमंत्री जी को प्रेषित करा रहे हैं। वयोवृद्ध नेता श्री पी.डी. गुप्ता ने कहा कि समाज में होने वाली गलत बातों का पुरजोर विरोध किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हमें सीएए के समर्थन में पहले आगे आना चाहिये। हमारे विलम्ब के कारण समाज विरोधी लोगों व उनके समर्थकों ने देश की सम्पत्ति को बड़े स्तर पर हानि पहुंचाईं है। श्री गुप्ता ने कहा कि सच्चे व सभ्य नागरिकों का मौन भी उनकी कमजोरी बनता है। अतः हम सीएए कानून का विरोध करने वालों का विरोध और सरकार का समर्थन कर रहे हैं। श्री गुप्ता ने यह भी कहा कि देश को आजादी दिलाने में सबसे अधिक योगदान आर्यसमाज व उसके अनुयायियों का रहा है। उन्होने कहा कि हमारा कर्तव्य है कि हम आर्यसमाज का दृष्टिकोण देश व समाज के सामने रखें। श्री शत्रुघ्न कुमार मौर्य ने कहा कि जब समाज जागता है तो देश में चेतना आती है। श्री मौर्य ने आगे कहा कि आर्यसमाज ईश्वर के नियमों और वेद के अनुसार चलता है। अपने प्रिय राष्ट्र भारत की रक्षा करना हम आर्यसमाज के अनुयायियों को परम पावन कर्तव्य है। हमारे देश के असंख्य युवकों ने देश की आजादी के लिये बलिदान किया है। इसके बाद श्री राजकुमार भण्डारी प्रधान आर्यसमाज लक्ष्मणचैक, श्री ओम् प्रकाश मलिक कोषाध्यक्ष आर्यसमाज सुभाषनगर, श्री अरविन्द आर्य प्रशासक आर्यसमाज डाकपत्थर, श्रीमती सरिता नेगी आर्यसमाज लक्ष्मणचैक, श्री अतरसिंह राजपूत आर्यसमाज लक्ष्मणचैक, श्री सुशील चन्द्र जी च्योला, श्री नवीन भट्ट आर्यसमाज धामावाला, श्री यशवीर आर्य राजपुर आदि अनेक लोगों ने भी गोष्ठी में विचार व्यक्त किये और सीएए कानून के समर्थन में अनेक बातें कहीं।
आर्यसमाज के विद्वान श्री ललित मोहन पाण्डेय जी ने सीएए कानून के पक्ष में विस्तार से अपने विचार प्रस्तुत किये। उन्होंने कहा कि आर्यसमाज देश की अग्रणीय संस्था रही है और आज भी है। उन्होंने बताया कि ऋषि दयानन्द ने देश में प्रचलित अविद्या को दूर करने के लिए वेदों का प्रचार किया था और समाज से अन्धविश्वासों एवं कुरीतियों का उन्मूल करने का सर्वाधिक प्रशंसनीय प्रयत्न किया था। पाण्डेय जी ने कहा कि हम ऋषि दयानन्द और आर्यसमाज के अनुयायी हैं। हम ऋषि के वेदानुकूल विचारों का का पालन करते हैं। हमें गोष्ठी में विद्वानों के विचारों के अनुरूप व्यवहार करना है। उन्होंने सीएए कानून का समर्थन किया। आर्यसमाज धामावाला, देहरादून के पूर्व मंत्री एवं युवा आर्य नेता श्री नवीन भट्ट जी ने कहा कि देश सुरक्षित रहेगा तो सब सुरक्षित रहेंगे। देश की सुरक्षा के लिये ही हम सीएए कानून का समर्थन कर रहे हैं। श्री नवीन भट्ट ने यह भी कहा कि हम किसी राजनीतिक पार्टी के समर्थक व विरोधी नहीं हैं। हमारे लिये देश हित का कार्य करने वाले लोगों का महत्व है। उन्होंने कहा कि हम सीएए कानून बनाने के लिये अपने प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री जी का समर्थन करते हैं और उनको धन्यवाद करते हैं। श्री यशवीर आर्य ने कहा कि सरकार द्वारा बनाया सीएए कानून देश के हित में है। यह कानून भारत के किसी नागरिक के विरुद्ध नहीं है। देश के सभी लोगों को इस कानून का समर्थन करना चाहिये। उन्होने कहा कि आर्यसमाज देश हित के मामलों में चुप नहीं बैठ सकता। हमारा देश के प्रधानमंत्री तथा गृहमंत्री जी को सीएए कानून के लिये समर्थन है। उन्होंने दोहराया कि इस कानून से किसी नागरिक को किचित हानि नहीं होगी।
आर्यनेता श्री प्रेम प्रकाश शर्मा जी ने गोष्ठी में सदस्यों का ध्यान आर्यसमाज के दसवें नियम की ओर दिलाया। उन्होंने कहा कि हम सबको देशहित के कामों में परतन्त्र रहते हुए सहयोग करना चाहिये। उन्होंने यह भी कहा कि देश की सरकार देश के लोगों के द्वारा चुनी हुई सरकार है। देश के नागरिकों को देश की सरकार का सम्मान करना चाहिये। सीएए कानून का विरोध अनुचित है। सरकार के कानूनों व कार्यों का समर्थन व सम्मान करना सभी देशवासियों का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि विरोध करने वाले अधिकांश लोगों को सीएए कानून के प्रावधानों का ज्ञान ही नहीं है। वह तो निहित स्वार्थ में रत लोगों के कहने से ऐसा करते हैं। शर्मा जी ने कहा कि आर्यसमाज एक जागरुक संगठन है। आर्यसमाज देशहित में सदैव आगे रहता है। शर्मा जी ने आर्यसमाज द्वारा परतन्त्रता के काल में हैदराबाद रियासत में धार्मिक स्वतन्त्रता के लिये किये गये सत्याग्रह का उल्लेख किया और कहा कि उसने वहां के धार्मिक पक्षपाती नवाब को घूटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। शर्मा जी ने यह भी कहा कि हम जो कार्य करें, उसे पूरे उत्साह से करना चाहिये। उन्होंने यह भी कहा कि हमें राष्ट्रहित के कार्यों को बढ़ चढ़ कर करना चाहिये जिससे राष्ट्र विरोधी शक्तियों को परास्त किया जा सके। इसके बाद आर्यसमाज के एक प्रतिनिधि मण्डल ने जिला अधिकारी के कार्यालय में जाकर सीएए के समर्थन में प्रधानमंत्री जी को सम्बोधित सहयोग एवं समर्थन का एक विस्तृत ज्ञापन दिया।
आज के आयोजन में श्री प्रेमप्रकाश शर्मा, श्री शत्रुघ्न कुमार मौर्य, श्री भगवान सिंह राठौर, श्री राजकुमार भण्डारी, श्री ललित मोहन पाण्डेय, श्री गणेशपति आर्य, श्रीमती आशा शर्मा, श्रीमती शशि नेगी, श्रीमती रुकमणी गोयल, श्रीमती रजनी शर्मा, श्रीमती सरिता रावत, श्री गुरमीत आर्य, श्री लक्ष्मणसिंह रावत, श्री रणजीत राय कपूर जी, श्री प्रेम बल्लभ, श्री धर्मवीर तलवार, श्री केसर सिंह जौलीग्रान्ट एवं मनमोहन आर्य आदि अनेक लोग उपस्थित थे। ओ३म् शम्।