
उपदा केवल खाम खयाली है।
सियासत में मंत्री मवाली है।।
अभिनन्दन जहाँ होना चाहिए,
माहौल ने ताना दुनाली है।
अटैची नोटों की है मिल गई,
देखा तो हर रुपया जाली है।
मंत्र मुग्ध हो गया वातावरण,
है कीर्तन या फिर कव्वाली है।
महानगर की किस्मत को देखो,
उखड़ी सड़क औ बदहाली है।
उबरे न जबकि दफ्तरशाही से,
हँस हँस देता अमला ताली है।
अविनाश ब्यौहार
रायल एस्टेट कटंगी रोड
जबलपुर।