दिल से
नहीं लगाते
इसलिए
हैं अपने काम के प्रति
बहुत ही
प्रतिबध्द।
लक्ष्य प्राप्त करने के लिए
किसी भी हद को
पार कर सकते हैं।
इन्हें गलती से लौटाए
ज्यादा पैसे रखने में
कोई गुरेज़ नहीं।
बेशर्मी से
चार लोगों के बीच
अकेले चाय पी सकते हैं।
मांग सकते हैं
दूसरों की तंगी में भी
अपना दिया उधार।
दूसरों से मांग कर
अख़बार पढ़ना, खाना खाना
या फिर दूसरों को बेवकूफ़ बनाना
इनके लिए फ़क्र की बात है।
कोई अपना
यदि आखों के सामने
मर भी जाए तो
इनको कोई फ़र्क नहीं पड़ता।
इसमें कुछ भी गलत नहीं है
क्योंकि दोस्त
ऐसे ही आदमी का होगा
आज के दौर में गुज़ारा।
संवेदनीशील इंसान का तो
मरना तय है।