मेरे मानस के राम : अध्याय 53

सीता का राम के पास आना

अयोध्या नगरी लौटने के लिए व्याकुल श्री रामचंद्र जी ने हनुमान जी को आदेश दिया कि वह सीता जी को यथाशीघ्र हमारे पास ले आएं। हनुमान जी ने रामचंद्र जी के आदेश का पालन किया और कुछ समय पश्चात ही वे सीता जी को अपने साथ लेकर रामचंद्र जी के समक्ष उपस्थित हो गए। तब रामचंद्र जी ने सीता जी के चरित्र पर पूरा विश्वास करते हुए भी केवल लोकाचार के लिए उनकी परीक्षा लेने का संकल्प व्यक्त किया। जिस पर सीता जी को बड़ा कष्ट हुआ। उन्होंने रामचंद्र जी से कहा कि आपने मुझे जैसा समझ लिया है, मैं वैसी नहीं हूं। मैं अपने पातिव्रत धर्म की शपथ खाकर कहती हूं कि मेरे ऊपर विश्वास करो। यदि आप मेरे स्वभाव से परिचित हैं तो मेरे चरित्र के संबंध में अपने मन के संदेह को दूर करो।

हनुमान ने दे दिया , सीता को संदेश।
बहुत हर्ष मन में हुआ , पाया जब संदेश।।

अत्याचारी नीच का , जब होता हो अंत।
खुशी मनाते हैं सभी , गृहस्थी हो या संत।।

भूसुर होते हैं वही , जो करें लोक कल्याण।
लोक हित में जो हरे , दानव जन के प्राण।।

सीता जी लाई गईं , रामचंद्र के पास।
हर्षित वानर दल हुआ , दिव्य हुआ आभास।।

कठिनाई के बाद ही, मिलता है आनंद।
जो मुक्ति को खोजता , पाता परमानंद।।

सही समय स्थान पर , हुआ एक दरबार।
सीता जी लाई गईं , उपस्थित थे नरनार।।

राम जी कहने लगे, सुनो सभी नरनार।
बिना परीक्षा के मुझे , सीता नहीं स्वीकार।।

बदनामी मुझको मिली , अपयश पाया खूब।
मार कर लंकेश को, सबको कर दिया दूर।।

मेरा साहस वीरता , सब देख चुका संसार ।
रावण का वध कर दिया, हुआ वचन से पार ।।

नारी को रहना पड़े, यदि किसी के पास।
पुरुष उसे पाता नहीं , नहीं करे विश्वास।।

डॉ राकेश कुमार आर्य

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राकेश कुमार आर्य
उगता भारत’ साप्ताहिक / दैनिक समाचारपत्र के संपादक; बी.ए. ,एलएल.बी. तक की शिक्षा, पेशे से अधिवक्ता। राकेश आर्य जी कई वर्षों से देश के विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में स्वतंत्र लेखन कर रहे हैं। अब तक चालीस से अधिक पुस्तकों का लेखन कर चुके हैं। वर्तमान में ' 'राष्ट्रीय प्रेस महासंघ ' के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं । उत्कृष्ट लेखन के लिए राजस्थान के राज्यपाल श्री कल्याण सिंह जी सहित कई संस्थाओं द्वारा सम्मानित किए जा चुके हैं । सामाजिक रूप से सक्रिय राकेश जी अखिल भारत हिन्दू महासभा के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और अखिल भारतीय मानवाधिकार निगरानी समिति के राष्ट्रीय सलाहकार भी हैं। ग्रेटर नोएडा , जनपद गौतमबुध नगर दादरी, उ.प्र. के निवासी हैं।

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