काठ की हांड़ी में क्या पक रहा है कठुवा केस में

काठ की हांडी में कब तक झूठ पकेगा कठुवा केस में उसे जानना है
असली कातिल कही ओर छिपा है,किसी ओर भेष में उसे पकड़ना है

ऐ टी एम में केवल कैश नहीं निकलता,कभी निकलता सच भी है
जो सच्चा सबूत निकला है अब,जो बचा सकता विशाल को भी है

जे & के पुलिस सफेद झूठ बोल रही है,कैमरा कभी झूठ बोलेगे क्या ?
कैमरा एक बेजान चीज है,पुलिस की तरह कभी रिश्वत लेगा  क्या ?

बैंक स्टेटमेंट उसका तुम देखो,लिखतम के आगे बकतम है क्या ?
15 जनवरी को विशाल मीरापुर में था,सुबह कठुवा पहुचेगा क्या ?

पुलिस चार्ज शीट झूठ का पुलंदा अब इस पर विश्वास करना क्या ?
झूठ के पैर होते नहीं है,कठुवा केस  ओर आगे चल पायेगा क्या ?

इस कविता को एक बैंक अधिकारी लिख रहा,उसको समझाओगे क्या ?
जान लड़ा दूंगा इस केस में,मुझे बच्ची के कातिलो से अब डरना क्या ?

आर के रस्तोगी 

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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