हथेली में शनि पर्वत का है विशेष स्थान—

हस्तारेखा से हर मनुष्य के बारे में काफी कुछ जाना जा सकता है। इसमें देखा गया है कि यदि शनि पर्वत पर त्रिकोण जैसी आकृति हो तो मनुष्य गुप्तविधाओं में रुचि, विज्ञान, अनुसंधान, ज्योतिष, तंत्र-मंत्र सम्मोहन आदि में गहन रुचि रखता है और इस विषय का ज्ञाता होता है। इस पर्वत पर मंदिर का चिन्ह भी हो तो मनुष्य प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के पद तक पहुंचता है। यह चिन्ह राजयोग कारक माना जाता है। यह चिन्ह जिस किसी की हथेलियों के पर्वत पर उत्पन्न होते हैं, वह किसी भी उम्र में ही मनुष्य को लाखों-करोड़ों का स्वा मी बना देते हैं। यदि इस पर्वत पर त्रिशूल जैसी आकृतियां हो तो वह मनुष्य एका-एक सन्यासी बन जाता है। यह वैराग्य सूचक चिन्ह है। वहीं अगर शनि पर्वत अत्यधिक विकसित होता है तो मनुष्यन आत्म हत्याग तक कर लेता है। अगर यह पर्वत बहुत विकसित पाया जाता है और साधारणत: पीलापन लिए होता है तो हालात बेहद विपरीत होते हैं। इस प्रकार के लोगों की हथेली और चमडी भी पीली होती है और स्वएभाव में चिडचिड़ापन झलकता है। ऐस में मनुष्य अपराधी भी बन सकता है। यह पर्वत अनुकूल स्थिति में सुरक्षा, संपत्ति, प्रभाव, बल पद-प्रतिष्ठा और व्यवसाय प्रदान करता है, परंतु विपरीत गति होने पर इन समस्त सुख साधन नष्ट करके घोर कष्टदायक रूप धारण कर लेता है।

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