मुट्ठी में है लाल गुलाल‌

नोमू का मुँह पुता लाल से.सोमू का पीली गुलाल से|
कुर्ता भीगा राम रतन का.रम्मी के हैं गीले बाल|
मुट्ठी में है लाल गुलाल|
चुनियाँ को मुनियाँ ने पकड़ा.नीला रंग गालों पर चुपड़ा|
इतना रगड़ा जोर जोर से.फूल गये हैं दोनों गाल|
मुट्ठी में है लाल गुलाल|
सल्लू पीला रंग ले आया.कल्लू ने भी हरा उड़ाया|
रंग लगाया एक दूजे को.लड़े भिड़े थे परकी साल|
मुट्ठी में है लाल गुलाल|
कुछ के हाथों में पिचकारी.गुब्बारों की मारा मारी|
रंग बिरंगे सबके कपड़े.रंग रंगीले सबके भाल|
मुट्ठी में है लाल गुलाल|
इंद्र धनुष धरती पर उतरा.रंगा. रंग से कतरा कतरा|
नाच रहें हैं सब मस्ती में.बहुत मजा आया इस साल|
मुट्ठी में है लाल गुलाल|

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here