वरदायिनी
माँ शारदे, वर दे
मैं अल्पज्ञानी
शरण में ले मुझे
चरण में स्थान दे
हे वागीश्वरी
गहन है अँधेरा
अज्ञान हर
शब्दाक्षर दान दे
विद्या, बुद्धि ज्ञान दे
वीणा वादिनी
वसंत की रागिनी
विनती करूँ
सुमधुर तान दे
कलम को धार दे
-हिमकर श्याम
स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान पत्रकारिता ने जन-जागरण में अहम भूमिका निभाई थी लेकिन आज यह जनसरोकारों की बजाय पूंजी व सत्ता का उपक्रम बनकर रह गई है। मीडिया दिन-प्रतिदिन जनता से दूर हो रहा है। ऐसे में मीडिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठना लाजिमी है। आज पूंजीवादी मीडिया के बरक्स वैकल्पिक मीडिया की जरूरत रेखांकित हो रही है, जो दबावों और प्रभावों से मुक्त हो। प्रवक्ता डॉट कॉम इसी दिशा में एक सक्रिय पहल है।