वरदायिनी
माँ शारदे, वर दे
मैं अल्पज्ञानी
शरण में ले मुझे
चरण में स्थान दे
हे वागीश्वरी
गहन है अँधेरा
अज्ञान हर
शब्दाक्षर दान दे
विद्या, बुद्धि ज्ञान दे
वीणा वादिनी
वसंत की रागिनी
विनती करूँ
सुमधुर तान दे
कलम को धार दे
-हिमकर श्याम
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