60 के दशक में BIRD & CO में 460 रुपए प्रतिमाह के वेतन में काम करते थे अमिताभ बच्चन 

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उत्तम मुखर्जी

*काला पत्थर* फ़िल्म की वर्षी पर  अमिताभ बच्चन  को याद आया अपना पुराना संस्थान *बर्ड एंड कंपनी* तथा कोयले की खदानें। वर्ष 1967 के आसपास वे इस कम्पनी में कुछ समय के लिए काम किए थे। उन्हें कुल 500 रुपये महीना पगार मिलना था। काटकर 460 रुपये मिलता था।
अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से फ़िल्म की कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए उन्होंने बताया कि कोयला खदानों की कम्पनी में उनकी पहली नौकरी लगी थी। उन्होंने लिखा, ‘काला पत्थर के 42 साल। सालों गुजर गए… फ़िल्म में मेरे व्यक्तिगत अनुभव से जुड़ीं कई घटनाएं हैं, जब मैं कोलकाता की कंपनी के कोयला विभाग में काम करता था। फ़िल्मों में आने से पहले वो मेरी पहली नौकरी थी।
राष्ट्रीय मीडिया ने कुछ मसाले जोड़कर लिख दिया कि वे धनबाद व आसनसोल कोलफील्ड की कोलियरियों व खदानों में काम किया जबकि यह झूठ है।

दरअसल अमिताभ जब अपनी शिक्षा पूरी कर लिए तब उनके पिता हरिवंश राय बच्चन पृथ्वी राज कपूर से मिलकर काम दिलाने का प्रयास किए थे। जब कोई रिस्पांस नहीं मिला तो ऑल इंडिया रेडियो में न्यूज़ रीडर के लिए अमितजी ने आवेदन किया। ऑडिशन में वे छांट दिए गए। उसी समय वे कोयला खदानों की बड़ी कम्पनी BIRD & CO में जॉइन किया। कम्पनी का कार्यालय कोलकाता में नेताजी सुभाष रोड स्थित चार्टर्ड बैंक के बिल्डिंग में था। अमिताभ वहीं बैठते थे। उस समय कोयला खदानें निजी हाथों में था। बर्ड ब्रिटिश कम्पनी थी। धनबाद में सिजुआ स्थित मोडीडीह समेत कई कोलियरियां कम्पनी के अधीन थीं, इसीलिए आज भी मोडीडीह को बर्ड मोडीडीह कहा जाता है। काम के सिलसिले में अमिताभ मोडीडीह , धनसार और आसनसोल आते-जाते थे। जिस भवन में वे बैठते थे वह वर्दवान के महाराजा का था और चार्टर्ड बैंक को लीज पर दे रखे थे। बर्ड के अलावा अन्य कम्पनियों के कार्यालय भी उस बिल्डिंग में था।
हालांकि अधिक समय तक वे इस कम्पनी में नहीं रहे। बाद में MACKENZIE , SHAW WALLACE , BLACKER & CO में भी वे काम किए। फिर सात हिंदुस्तानी में अभिनय के साथ फ़िल्मी दुनिया में छा गए।
सत्तर के दशक में जब इंदिरा गांधी की सरकार ने कोयले का राष्ट्रीयकरण किया तब बर्ड कम्पनी की कोलियरियां अधिग्रहण कर ली गई। धनबाद की कोलियरियां BCCL जबकि बंगाल की खदानें ECL के अधीन चली गईं। बर्ड के पेपर मिल भी माइंस के साथ मर्ज कर दिए गए।

*बर्ड की BJEL कोलकाता में जिंदा है*

बर्ड की बर्ड जुट एक्सपोर्ट्स लिमटेड कोलकाता में आज भी है। दमदम नगरपालिका ने जब कम्पनी की कुछ जमीन का अतिक्रमण किया तब यह मामला बिग बी के समक्ष उठा था। अमिताभ उस समय CM ममता बनर्जी के आमंत्रण पर कोलकाता फ़िल्म फेस्टिवल में आए थे।
इधर बर्ड का निशान मिट गया लेकिन OMDC ओडिशा मिनरल  के नाम पर साझेदारी के साथ फिर कम्पनी का उदय हुआ है।

*अब काला पत्थर की बात*

धनबाद के चासनाला खान हादसे की स्टोरी पर यह फ़िल्म बनी थी। तकरीबन 375 कामगारों की उंस दुर्घटना में जल समाधि हुई थी।चासनाला में NCDC की कोलियरी थी।
अमिताभ बच्चन ने काला पत्थर में एक ऐसे युवा का किरदार निभाया था जिसके अंदर सिस्टम के खिलाफ़ गुस्सा भरा हुआ था। फ़िल्म के पहले हिस्से में तो वो एक मर्चेंट नेवी के कप्तान होते हैं जिनका नाम विजय पाल सिंह होता है लेकिन बाद में कोयला खदान के कर्मचारी बन जाते हैं।
फ़िल्म जब रिलीज़ हुई थी तब इसकी काफी तारीफ़ हुई थी। कोयला मजदूरों की दुर्दशा को दिखाने में फ़िल्म सफ़ल मानी गई थी। फ़िल्म को सलीम ख़ान और जावेद अख्तर ने लिखा था। इस फ़िल्म में अमिताभ के अलावा शशि कपूर, शत्रुघ्न सिन्हा, संजीव कुमार, राखी गुलज़ार, परवीन बॉबी, नीतू सिंह, प्रेम चोपड़ा जैसे दिग्गज कलाकारों ने काम किया था।

उत्तम मुखर्जी

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