भारत की फौज देखकर,चीन अब LAC से हटने लगा है। अभी तो रूस से जहाज आए नहीं,पहले से ही डरने लगा है।।
भारत ने अभी कुछ कहा नहीं,चीन अभी से घुटने टेकने लगा है। अभी तो तोपो का मुंह खोला नहीं,अभी से वह डरने लगा है।।
भारत ने अभी तोप दागी नहीं,चीन पहले से ही मिम्याने लगा है। सुनी नहीं आवाज अभी उनकी,पहले से ही चिल्लाने लगा है ।। लगा है शी चीन के राष्ट्पति के नाम से पहले,फिर मर्दानगी क्या दिखाएगा। जो नामर्द पहले से हो चुका हो,हम आंखे क्या वह दिखाएगा।।
रखते है 56 इंच का सीना जवान तेरे जवानों का इतना कद नहीं। पेलेंगे जब हमारे जवान तेरे जवानों को उठने का नाम लेगे नहीं।।
अभी तो ट्रेलर देखा है तूने,अभी तो पूरी फिल्म देखनी बाकी है। उड़ जाएंगे तेरे सारे हौसले,अभी कफन डालना बाकी है।।
अगर नहीं थे हथियार तेरे पर,क्यो भारत की सीमा पर आया था। लाया था कंटीले तार के डंडे, जो किसी से उधार लेकर आया था।।
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था|
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