व्यंग्य जनजागरण की लीला March 4, 2017 / March 4, 2017 | Leave a Comment देखा जाये तो जनजागरण शब्द राष्ट्रवादी है क्योंकि अभी तक किसी अन्य ने इस पर अपना अधिकार नहीं जताया है। ऐसा मैं इसलिये कह रहा हूं क्योंकि हमारी दो बड़ी राष्ट्रीय पार्टियों की आपसी लड़ाई का केंद्र ही गांधी और पटेल पर अपने अपने आधिपत्य को लेकर रहा है। मैं तो कहूंगा न केवल यह […] Read more » जनजागरण
व्यंग्य साहित्य रामायण और मीडिया ट्रायल October 12, 2016 | Leave a Comment मीटिंग समाप्त होने के अगले कुछ दिनों में लंका में जो हुआ उससे राम और लक्ष्मण एक बड़ी प्रोब्लम में फंस गये। पत्रकारों और मानवाधिकारवादियों ने गुस्सैल लक्ष्मण को अपने सवालों में जकड़ लिया। आम जनता के बीच अपनी न्यूज सेंस टैक्निक की बदौलत यह बात फैला दी कि लक्ष्मण के पास ब्रह्मास्त्र था जबकि मेधनाद निहत्था था। बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान ढ़ूंढ़ने वाले राम इस आधुनिक समस्या का समाधान ढूंढ़ने में असफल दिखाई दिये। Read more » मीडिया ट्रायल रामायण
व्यंग्य साहित्य चौथ का चांद और पति की मिलीभगत August 24, 2016 | Leave a Comment बात बढ़ते बढ़ते इतनी बढ़ गई थी कि शहर के शहर सड़क पर आ उतरे और अन्तत: सरकार को पूरे देश में कर्फ्यू लगाना पड़ा। दरअसल, गत दो दिवस पहले चौथ का व्रत था। जिसके चलते सभी घरों में तनाव पसरा था। शर्मा जी, गांधी जी के तीसरे बंदर की तरह अपनी पत्नी के सामने […] Read more » Featured चौथ का चांद पति की मिलीभगत
लेख साहित्य ‘साजिश के तहत सम्मान वापसी का सिलसिला’ October 30, 2015 | 3 Comments on ‘साजिश के तहत सम्मान वापसी का सिलसिला’ पश्चिम के किनारों पर बैठ कर जो लोग अपने ही मुल्क की ईबारत लिखने की कोशिशों में जुटे हैं, वे एक दिन इस राष्ट्र का सर्वनाश कर बैठेंगे। वैसे अब कोई कसर तो बची नहीं, वाममार्गियों ने भारतीय इतिहास के साथ जो तोड़फोड़ की है उसका आभार। उनके हिसाब से भारतीय स्वात़ंत्र्य समर 1857 महज […] Read more » Featured सम्मान वापसी सम्मान वापसी का सिलसिला
मीडिया व्यंग्य विश्वास के चक्कर में लोगो की टक्कर May 6, 2015 | Leave a Comment -दीपक शर्मा “आज़ाद”- ना ना ना भाई विश्वास करो वो साहब निर्दोष है, एकदम शरीफ की जात है। आपको मालूम नहीं क्या उनके पास देश की एकमात्र साफ़, स्वच्छ पार्टी का सर्टिफिकेट भी है। फिर आप कैसे उनको झूठा बोल सकते हो। देखा नहीं वो देश की राजनीतिक स्थिति को बदलने के लिए कितना प्रयास […] Read more » Featured न्यूज चैनल्स मीडिया मीडिया पर व्यंग्य विश्वास के चक्कर में लोगो की टक्कर
विविधा व्यंग्य अफवाहें हैं अफवाहों का क्या… May 4, 2015 / May 5, 2015 | 2 Comments on अफवाहें हैं अफवाहों का क्या… अफवाहे है अफवाहों का क्या… कभी कभी कुछ कहा हुआ इतना फ़ैल जाता है कि उसके आगे फैला हुआ रायता भी कम लगने लगता है। मुझे अक्सर लगता है कि आखिर वे कौन लोग है जो इस तरह से बातों को इधर से उधर फैला कर अच्छे-खासे दिमाग की भुजिया बनाने पर तुले रहते है। […] Read more » Featured rumours अफवाह अफवाहे है अफवाहों का क्या... अफवाहों का क्या...
व्यंग्य चमचे ही चमचे, यहाँ-वहां जहाँ-तहाँ December 17, 2014 | Leave a Comment मेरे घर के रसोईघर में बर्तनों की भरमार है, होती है सबके घर में होती है| थाली, कटोरी, गिलास, चम्मच और अंत में कप ये न होतो खाना खाने की कल्पना अधूरी सी ही लगती है क्यों सही कहा न| पर इन सबमे भी देखें तो चम्मच सर्वश्रेष्ठ है, वो हर घर में अन्य बर्तनों […] Read more » चमचे ही चमचे
जन-जागरण हिंद स्वराज हिन्दू राष्ट्रधर्म हैं, कोई विवाद नहीं! December 13, 2014 / December 13, 2014 | 1 Comment on हिन्दू राष्ट्रधर्म हैं, कोई विवाद नहीं! एक राष्ट्र अपने धर्म का अपमान करने की जब भूल करने लगता है तब उसे भारत विभाजन के दौर से गुजरना पड़ता है, जब वही राष्ट्र दुबारा अपने धर्म को भूल उसका अपमान करता है तो उसे जम्मू और कश्मीर सुंदरता नहीं एक दाग की भांति लगने लगता है| और जब वह अपने इन कठोर […] Read more » hindu is a national religion not a dispute hindu is national religion हिन्दू कोई विवाद नहीं! हिन्दू राष्ट्रधर्म हैं