कहानी यौन कर्मी October 13, 2014 | Leave a Comment अश्वनी कुमार दिल्ली का चांदनी चौक रोज की तरह आज भी कुछ सनसनीखेज करने के चाह अपने अंतस में छिपाए अनिल कुमार निकल बड़े अपने दफ्तर की राह पर… दफ्तर उनके घर से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर था. तो रोजाना पैदल ही वहां तक का सफ़र तय किया करते थे. इसी दौरान अपने […] Read more » यौन कर्मी
गजल इंतज़ार September 26, 2014 | Leave a Comment इंतज़ार… इंतज़ार इंतज़ार बाक़ी है. तुझे मिलने की ललक और खुमार बाक़ी है. यूँ तो बीती हैं सदियाँ तेरी झलक पाए हुए. जो होने को था वो ही करार बाक़ी है. खाने को दौड़ रहा है जमाना आज हमें. *1यहाँ पे एक नहीं कितने ही जबार बाक़ी है. वोही दुश्मन है, […] Read more » इंतज़ार
कहानी गिरवी September 25, 2014 | 8 Comments on गिरवी -अश्वनी कुमार कॉलेज ख़त्म होने का आखिरी दिन, सभी लोग एक दूसरे से विदा ले रहे हैं. गले मिल रहे हैं. अपना फ़ोन नंबर बदल रहे हैं. एक दूसरे को भविष्य में न भूल जाने का प्रण ले रहे हैं. कहीं खुशियों के मारे लोग उछल कूद कर रहे हैं, तो कहीं आखों से आंसूं […] Read more » गिरवी
कहानी दिमागी उपज…या कुछ और…!! September 6, 2014 | Leave a Comment अश्वनी कुमार बंगलौर… सुबह के लगभग 8 बज रहे होंगे… शर्मा जी रोज़ की ही तरह आज भी अपने बैंक की ओर अपनी गाडी लेकर चल पड़े… शर्मा जी एक सरकारी बैंक में मैनेजर के तौर पर कार्यरत हैं. बैंक 9 बजे के आसपास खुलना था आम लोगों के लिए, तो वह बैठकर अपने साथ […] Read more » दिमागी उपज
जरूर पढ़ें तिरंगा August 15, 2014 | Leave a Comment -अश्वनी कुमार- आज हमें आज़ादी मिले 68 वर्ष हो गए हैं. बहुत लम्बी लड़ाइयां लड़ी हैं, हमारी जनता ने, हमारी आम जनता ने, और उनका नेतृत्व करनेवालों ने. स्वतंत्रता सेनानियों ने. देश की आज़ादी के लिए अपने प्राणों को भी न्यौछावर करना उन्हें कम लगता था. इसीलिए देश की आज़ादी के अपनी जान की परवाह […] Read more » तिरंगा
विविधा एक सवाल August 8, 2014 | Leave a Comment -अश्वनी कुमार- मध्य प्रदेश का एक छोटा सा गांव… सोहना..! गांव के मुख्य चबूतरे पर बैठे चार लोग आपसे में कुछ बात कर रहे हैं…..मुद्दा है. राजनीति और हमारी जिंदगियों से जुड़ा… चारों में से सबसे बुजुर्ग व्यक्ति…..बहुत अधिक तजुर्बेकार, श्याम सिंह शहर में भी काफी समय बिताकर आया था. गाँव के छोटे बड़े लोग […] Read more » एक सवाल मध्य प्रदेश
कहानी हर कदम पर बंदिशें August 2, 2014 | Leave a Comment -अश्वनी कुमार- जाड़ों का समय है सूरज के किरणों ने समुद्र की कोख में जाने का मन बना लिया है. धीरे-धीरे वह अगले दिन फिर से आने का संकेत करती हुई चमक (रोशनी) निरंतर कम होती हुई, संतरी और नीले आसमान से गायब हो रही है. हरियाणा के गांव सुकना के प्रधान के घर आज […] Read more » हर कदम पर बंदिशें हिन्दी कहानी
कविता फिर भी मुझे स्त्री होने का गर्व है! March 6, 2014 | Leave a Comment अश्विनी कुमार हर कदम पर मुझे दबाने का प्रयास किया जा रहा है फिर भी मुझे स्त्री होने का गर्व है! सुरक्षित महसूस नहीं करती हूँ मैं इस सभ्य समाज में फिर भी मुझे स्त्री होने का गर्व है! मुझे इस पुरुष प्रधान समाज में उपभोग की वस्तु समझा जा रहा है फिर भी मुझे […] Read more »
कविता उसे नारी हैं कहे January 16, 2014 / January 16, 2014 | Leave a Comment जहां है त्याग, समर्पण, जहां है धैर्य बेहिसाब यही है रूप-ओ-नारी, जिसे आता है यहां प्यार कभी मां-बाप, कभी भाई, कभी पति-बेटा सहे विरोध है सबका, न करती कोई आवाज़ न जाने कब से सह रही थी जुल्मों सितम को जो लड़े हक की लड़ाई उसे मलाला कहें कभी सती, कभी पर्दा कभी रिवाजे-ए-दहेज़ ये […] Read more » poem उसे नारी हैं कहे
कहानी अनसुलझे सवाल! January 13, 2014 / January 13, 2014 | Leave a Comment -अश्वनी कुमार- कड़ाके की सर्दी पड़ रही थी। पैरों से चढ़ती ठण्ड हाथों के कम्पन से होती हुई, दांतों की कड़कड़ाहट तक जा रही थी। घर से निकला तो देखा कोहरे की सफ़ेद चादर ने सारे आसमान पर अपना अस्तित्व जमा रखा है। कदम आगे की ओर बढ़ने से मना कर रहे थे, पर […] Read more » Story अनसुलझे सवाल
जन-जागरण मिशन मंगल:- बड़ी प्रौद्योगिक उपलब्धि या फ़िज़ूलखर्ची November 7, 2013 / November 7, 2013 | 5 Comments on मिशन मंगल:- बड़ी प्रौद्योगिक उपलब्धि या फ़िज़ूलखर्ची अश्वनी कुमार अगर विकास कि बात करें तो कागज़ी तौर पर भारत निरंतर विकास की ओर अग्रसर है। और हाल ही में भारत ने विकास के नए आयाम को छू लिया, मिशन मंगल (मंगलयान) के प्रक्षेपण के साथ ही मंगल लॉन्च करने के मामले में भारत का अंतरिक्ष संगठन (ISRO) दुनिया का चौथा संगठन […] Read more »