मन्दिर था या मस्जिद ??
श्रीराम भारतीय राष्ट्रभाव का चरम आनंद हैं, वे मंगल भवन हैं, अमंगलहारी हैं, मर्यादा पुरुषोत्तम…
श्रीराम भारतीय राष्ट्रभाव का चरम आनंद हैं, वे मंगल भवन हैं, अमंगलहारी हैं, मर्यादा पुरुषोत्तम…
ये ज्ञातव्य है कि बिना किसी स्पष्ट विजन के दो बार संसदीय राजनीति में कथित…
“मीडिया जब ‘ प्रहरी ‘ की भूमिका में होता है तब ही वो जनता के हितों का रक्षक होता…
“आईने में अपनी सूरत देखने के बजाए आईना ही फोड़ने में जुटे हैं नीतीश” …
मुख्यमंत्री रहते हुए भी नीतीश जी ऐसी ही दो और यात्राएं ” अधिकार यात्रा व…
नोबेल – पुरस्कारों में ‘घाल-मेल’ की कहानी कोई नई बात नहीं है ….. पूर्व में…
सर्वप्रथम लोकनायक को उनकी ११२वीं जयंती पर कोटिश: नमन …. व्यक्ति – विशेष जब ‘स्व’ की सीमा…
हाल के चंद दशकों में देश का पूर्वोत्तर व बिहार का पूर्वाञ्चल बांगलादेशी घुसपैठियों के कारण…
नौ सालों के बाद सुशासनी – सरकार को सूबे के सबसे बड़े हस्पताल पीएमसीएच की…
१९९० के दशक में लालू राज के शुरुआती दिनों (जिसे कालान्तर में जंगल- राज के…
कूटनीतिक दृष्टि से एक सार्थक व सकारात्मक पहल भारत – चीन सीमा विवाद पर आज…
-आलोक कुमार- जनता द्वारा सिरे से नकारे जाने और अपने ही विरोधाभासों व अंतर्विरोधों के…