धर्म-अध्यात्म पर्व - त्यौहार भारत में पहली दीपावली कब और कैसे मनाई गई ? October 17, 2025 / October 17, 2025 | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव वरिष्ठ पत्रकार दीपोत्सव पर्व प्रथम बार कब,कैसे और कंहा प्रारम्भ हुआ ? इसका उल्लेख किसी पुराण या शास्त्र में अधिकारिता के साथ अभिव्यक्त नहीं किया गया है, किन्तु प्रथम दीपावली दैत्यराज हिरण्याक्ष के अत्याचार, रक्तपात, लूटमार आदि से पीड़ित प्रजा को शूकररूपधारी विष्णु के वराह अवतार द्वारा दिलाई […] Read more » When and how was the first Diwali celebrated in India भारत में पहली दीपावली कब
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म रंगोली बिना सुनी है हर घर की दीपावली October 17, 2025 / October 17, 2025 | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव दीपावली पर रंगोली के बिना घर आँगन सुना समझा जाता है। जब रंगोली सज जाती है तब उस रंगोली के बीच तेल- घी का दीपक अंधकार को मिटाता एक संदेश देता है वही आज रंगोली के बीच पटाखे छोडने को लोग शुभ मानते है । पौराणिक या प्राचीन इतिहास मे मनुष्य ने लोक […] Read more »
कला-संस्कृति लिंग रूप में शिव है, विश्व के पालक और संहारक July 28, 2025 / July 28, 2025 | Leave a Comment ब्रह्मा, विष्णु और महेश में से मुझे महेश के स्वरूप और उनकी महत्ता जानने की इच्छा प्रारम्भ से ही रही है। शिव पुराण , लिंगपुराण सहित अन्य पुराणों में शिव और विशेषतः शिव तथा लिंग पुराण में शिव के स्वरूप का अध्ययन करना चाहा और उसी क्रम में यह विषय संज्ञान में आया की शिव […] Read more » Shiva in the form of Linga is the protector and destroyer of the universe विश्व के पालक और संहारक
कला-संस्कृति पर्यावरण वेदों में पर्यावरण के महत्व और प्रकृति सुरक्षा चक्र को हमने ध्वस्त किया ! July 24, 2025 / July 24, 2025 | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव पृथ्वी को ईश्वर का रूप मानने वाले भारत के मनीषियों ने हजारों वर्ष पूर्व मानव जीवन के कल्याणार्थ सृष्टि के पर्यावरण का महत्व और उसकी रक्षा को समझा और प्रकृति से सांनिध्य, संवेदनशीलता कायम रखते हुए मानवीय रोगों के उपचार तथा स्वास्थ्य-सम्बन्धी अनेक उपयोगी तत्वों का सृष्टि के योगदान से जोड़ते हुए उसका […] Read more » वेदों में पर्यावरण
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म शोकाकुल अर्जुन को गीता वाणी से मिली मुक्ति April 29, 2025 / April 29, 2025 | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव वरिष्ठ पत्रकार युद्ध क्षेत्र कुरुक्षेत्र में एकत्रित सेना के मध्य सभी सगे सम्बंधियो को महाभारत युद्ध में शामिल देख अर्जुन शोक से ग्रसित हो गया तब श्रीभगवान श्रीकृष्ण उन्हें गीता के ज्ञान द्वारा युद्ध के लिए प्रेरित करते है किन्तु अर्जुन को भगवान् की वाणी सुनायी नहीं पड़ती; किन्तु कृष्ण ने देखा […] Read more » Grief-stricken Arjuna found relief from the words of the Gita गीता वाणी से मिली मुक्ति
कविता मैं और मेरी अलमारी में बंद किताबें ! April 24, 2025 / April 24, 2025 | Leave a Comment मैं और मेरी अलमारी में बंद किताबें ! आत्माराम यादव मैं बचपन से ही किताबों से बहुत प्रेम करता हूं, पहले लोटपोट, मधुर मुस्कान, नंदन गुडिया जैसी किताबों का चस्का लगा था धीरे धीरे सरिता,कादम्बिनी, माया निरोगधाम जैसी पत्रिकाओं का शौक मुझे सातवें आसमान पर पहुंचा देता था। किताबें पढ़ने के जुनून ने 10 साल […] Read more » मैं और मेरी अलमारी में बंद किताबें
लेख चरित्र निर्माण के बिना दौड़ता जीवन! April 23, 2025 / April 23, 2025 | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव जिन्दगी के 60 बसंत पंख लगाकर कब फुर्र से उड़ गए पता ही नहीं चला किन्तु एक पुराना वाकया याद आ गया जहा स्कुल से मिले चरित्र प्रमाणपात्र के बाद जीवन में पुलिस से प्रमाणित चरित्र प्रमाण पत्र माँगा गया, मैंने जबाव दिया की जब बिना चरित्र के अब तक गुजर गई तब वे पुलिस वाले जो खुद चरित्रहीन है वे कैसे और क्यों मेरे चरित्र की गारंटी लेंगेl चरित्र मेरा है इसलिए अपने चरित्र की गारंटी मैं खुद ले सकता हूँ, पुलिसवाले गारंटी दे यह बात गले नहीं उतरी थीl मेरे चरित्र के विषय में 100 प्रतिशत गारंटी मेरी मान्य होने चाहिए वाकी जो घटिया चरित्र को छुपाकर में अपने घर परिवार या बाल सखा आदि के साथ रहता हूँ वे मेरे सच्चे मित्र होने के साथ मेरे सुख दुःख के साथी भी है l मेरे विषय में मेरे मोहल्ले पड़ोस या साथ रहने वाले फिफ्टी फिफ्टी मेरे चरित्र का प्रमाण दे तो समझ आती है किन्तु जो पुलिस मुझे न जानते समझते मेरे चरित्र की गारंटी ले तो वैसी ही बात होगी जैसे आज महंगाई ढीठ- हरजाई-जैसी प्रेमिका के रूप में सोने की कीमतों को आसमान पर बिठाले है, भला सोने के उतार चढ़ाव को यह बाजार क्या जाने, जब बाजार भावों को नहीं समझ सकता तो पुलिस जो कहीं भी मेरे न तो आगे है और न पीछे है वह चरित्र की गारंटी कैसे ले सकती है? जरा विचार कीजिये मैं जीवन में कुछ बनना चाहता हूँ किन्तु न तो सरकार बनाने को तैयार है और न ही इस देश में एसी व्यवस्था है की लाखों रूपये की इंजीनियर, ला, प्रोफ़ेसर आदि की डिग्री लेने के बाद आप इंजीनियर, जज या कोई पद पर जा सकेl देश में लाखो डिग्रीधारी है वे […] Read more » चरित्र निर्माण
व्यंग्य लोकतंत्र की जान है थू-थू ! April 21, 2025 / April 21, 2025 | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव नर्मदापुरम दुनिया का सबसे विचित्र शहर है, इसकी विचित्रता के चर्चे होते है पर क्या विचित्र है उसके चित्र किसी के पास नहीं है, यानी दस्तावेजों में यहाँ के सारे विचित्र कार्य और योजनायों के स्वरूप बनते- बिगड़ते है जिसके लिए प्रदेश सरकार करोड़ों रूपये भेजती है। मसलन वर्ष-2012 में किसी ने सेठानी […] Read more » Spit-shit is the lifeblood of democracy!
व्यंग्य पुरुषों सत्ता पर नारी का एकछत्र साम्राज्य April 12, 2025 / April 16, 2025 | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव वरिष्ठ पत्रकार दुनिया भर के धुरन्धर ज्ञानियों-ध्यानियों, धर्मज्ञ, तत्ववेत्ताओं के होते हुये इस समाज में मुझ जैसा महामूर्ख भी है जो नर और नारी के बीच उनकी छुपी हुई प्रतिभाओं-कलाओं से हटकर नर में छिपी नारी को देखता है। पुरुषों में नारी पुरुषोत्तमा है जो अणिमा,लघिमा सिद्धिया है, प्रकृति में संध्या, ऊषा, रजनी, पृथ्वी है, नदिया में गंगा,यमुना, सरस्वती, नर्मदा, गोदावरी, कावेरी है, भाषाओं […] Read more »
लेख हिंदी दिवस हिन्दी की गिनतियों को सरल बनाने, सुधार आवश्यक ! April 10, 2025 / April 10, 2025 | Leave a Comment आत्माराम यादव वरिष्ठ पत्रकार संसार की प्रचलित भाषाओं का वर्गीकरण करें तो देवभाषा संस्कृत सभी की जननी है जिसके वंशानुगत अन्य सभी भाषाएँ सहित देवनागरी लिपि हिन्दी भी है। मनुष्यों के कुल गौत्र की भांति अगर भाषाओं को विभक्त करे तो हिन्दी, अँग्रेजी के अलावा अन्य भाषाओं के कुल, उपकुल, शाखाओं, उपशाखाओं तथा समुदायों में विभक्त कर समस्त […] Read more »
व्यंग्य गूगल गुरु के कचरा ज्ञान से पैदा होते सम्पूर्णानन्द पत्रकार? April 7, 2025 / April 7, 2025 | Leave a Comment आत्माराम यादव जहां सबेरा है, वही बसेरा है ओर बसनेवाले कई किस्म के है। आजकल यू-ट्यूबर- व्हाट्सअप, इस्ट्राग्राम कुटुंबएप, फ़ेसबूक आदि पर विशेष प्रकार की वाहियात अक़्लमंद ज्ञानी बेशर्मियों की कब्जेवाली मीडिया खरपतवार गाजरघाँस की तरह फ़ेल चुकी है, इससे बचने के सारे उपाय असफल है। जिसने कभी कागज कलम छुआ नहीं वही गूगल गुरु की प्रेरणा से […] Read more » गूगल गुरु के कचरा ज्ञान
कला-संस्कृति भारत में शक्ति उपासना की सर्वव्यापकता April 4, 2025 / April 7, 2025 | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव सनातन धर्म की अनूठी परंपरा है जिसमे परमात्मा के दो रूप हैं-माता और पिता। सत्य, ज्ञान, प्रभुता, अनन्तता, न्याय, उत्कृष्टता, परात्परता और सर्वशक्तिमानता इत्यादि जैसे गुण ईश्वर के पिता स्वरूप से सम्बन्धित हैं। जबकि सुन्दरता, प्रेम, शक्ति, प्रखरता, करुणा, अनन्यता, शाश्वतता और कृपा जैसे गुण परमात्मा के माता से सम्बन्धित हैं। संसार में परमात्मा के इन दो पक्षों की पूजा किसी न […] Read more » The prevalence of Shakti worship in India भारत में शक्ति उपासना