कविता क्या ये महान दृश्य है ? May 16, 2020 / May 16, 2020 | Leave a Comment डॉ देशबंधु त्यागी कैसी तेरी हैं रहमतें ?उनके दर्द ही बढ़ते रहे।जिस द्वार पर भी वो गए,उन पर डण्ड बरसते रहे।तेरी रेल भी चलती रही,वो पटरियों पर कट मरे।तेरा रिजक ही बँटता रहा,तो भूख क्यों बढ़ती रही ?तेरा इलाज भी अजीब है ,दवा नही दारू बेचने लगे।मेरे दर्द से निकली थी आह ,तु तप त्याग […] Read more » क्या ये महान दृश्य है ?
विश्ववार्ता “भूख और भय से भागे हैं – भुखमरी और मजबूरी से बापसी होगी “ May 8, 2020 / May 8, 2020 | 1 Comment on “भूख और भय से भागे हैं – भुखमरी और मजबूरी से बापसी होगी “ ओद्योगिक नगरो और महानगरों से मजदूर अपने मूल घरों और स्थानों को क्यों भाग रहे हैं ? प्रथम लॉक डाउन के आरंभ में एक हिंदी डेली में मैंने लिखा था कि ” भारत कोरोना से भी जीत सकता है बशर्ते…। देश सामान्य खाद्यान सप्लाई सेना के हाथ में दे दे। मध्य्यम वर्ग 15 दिन और […] Read more » भुखमरी और मजबूरी
टॉप स्टोरी लेख प्रवासी श्रमिक संबंधित तीनों निर्णय काल विरुद्ध : मानवीय-वित्तीय विजन का अभाव May 4, 2020 / May 4, 2020 | Leave a Comment लॉक डाउन आवश्यक था। किंतु 24 मार्च को 4 घंटे की पूर्व सूचना पर अर्ध रात्री से लागू किया जाने वाले यकायक लॉक डाउन की घोषणा की विधि विजन विहीन थी। अर्थात जो जहाँ है वहीं रहेगा । मोदी जी को ऐसा करने के चार कारण थे। वो कोरोना प्रसार की अंतर्राष्ट्रीय गति से सकते […] Read more » प्रवासी श्रमिक