राजनीति ‘‘क्या 67 सीटों पर विजय ई.वी.एम. हैकिंग का ही कमाल है ?’’ May 10, 2017 | 1 Comment on ‘‘क्या 67 सीटों पर विजय ई.वी.एम. हैकिंग का ही कमाल है ?’’ क्या 67 सीटों पर आम आदमी पार्टी की विजय इसी ई.वी.एम. हैकिंग का ही कमाल है ?जब आप के नेता इस तकनीकि से इतने परिचित हैं तब यह क्यों न माना जाय कि ई.वी.एम. में इस प्रकार का कोई कोड डालकर उन्होंने दिल्ली विधानसभा के पिछले चुनावों में अपेक्षित लाभ प्राप्त किया होगा। यदि इस प्रकार का कोई कारनामा संभव है तो उसे किसी भी दल का कोई भी जानकार कर सकता है। फिर आरोप केवल भाजपा पर ही क्यों ? Read more » Featured अरविन्द केजरीवाल ई.वी.एम. हैकिंग दिल्ली विधानसभा
राजनीति केजरीवाल पर आरोप: सच की सभावनाएँ May 9, 2017 | Leave a Comment कविवर रहीम का कथन है – रहिमन अँसुआ नैन ढरि, जिय दुख प्रकट करेइ। जाहि निकासौ गेह ते, कस न भेद कहि देइ।। अर्थात् जिस प्रकार आँसू नयन से बाहर आते ही हृदय की व्यथा को व्यक्त कर देता है उसी प्रकार जिस व्यक्ति को घर से निकाला जाता है, वह घर के […] Read more » AAP Featured Kapil Mishra Kejriwal Failure Kejriwal failure in Goa Kejriwal failure in Punjab Kejriwal in politics केजरीवाल की भविष्य की राजनीति केजरीवाल की राजनीति
लेख साहित्य सबके आदर्श हैं भगवान परशुराम April 28, 2017 | Leave a Comment राष्ट्रकवि दिनकर ने सन् 1962 ई. में चीनी आक्रमण के समय देश को ‘परशुराम की प्रतीक्षा’ शीर्षक से ओजस्वी काव्यकृति देकर सही रास्ता चुनने की प्रेरणा दी थी। युगचारण ने अपने दायित्व का सही-सही निर्वाह किया, किन्तु राजसत्ता की कुटिल और अंधी स्वार्थपूर्ण लालसा ने हमारे तत्कालीन नेतृत्व के बहरे कानों में उसकी पुकार ही नहीं आने दी। पाँच दशक बीत गये। इस बीच एक ओर साहित्य में परशुराम के प्रतीकार्थ को लेकर समय≤ पर प्रेरणाप्रद रचनायें प्रकाश में आती रहीं और दूसरी ओर सहस्रबाहु की तरह विलासिता में डूबा हमारा नेतृत्व राष्ट्र-विरोधी षडयन्त्रों को देश के भीतर और बाहर--दोनों ओर पनपने का अवसर देता रहा। परशुराम पर केन्द्रित साहित्यिक रचनाओं के संदेश को व्यावहारिक स्तर पर स्वीकार करके हम साधारण जनजीवन और राष्ट्रीय गौरव की रक्षा कर सकते हैं। Read more » भगवान परशुराम
विविधा कठोर निर्णायक संकल्पों की प्रतीक्षा में है देश April 26, 2017 | Leave a Comment चिन्ता का विषय है कि अलगाववादियों-नक्सलवादियों के विरूद्ध की जा रही सैन्य कार्यवाहियों पर उँगली उठाने वाले तथाकथित सामाजिक कार्यकत्र्ता मानवाधिकारों की दुहाई देकर अपराधियों का संरक्षण कर रहे हैं। अपनी राजनीतिक महत्वाकाक्षाओं की पूर्ति के लिए वामपंथी दलों के नेता इन राष्ट्र विरोधी शक्तियों का खुला समर्थन करके इनका हौसला बढ़ा रहे हैं। नित नई दुर्घटनायें घट रही हैं। शासन-प्रशासन पर प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं, किन्तु इन दुर्दान्त हिंसक-शक्तियों के विरूद्ध प्रभावी कदम उठाने में समर्थ व्यवस्था में बैठे लोग सैनिकों के बलिदानों पर आँसू बहाकर, मुआबजा बाँटकर, ‘शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जायेगा’ जैसे जुमले उछालकर अपने दायित्व की पूर्ति मान लेते हैं। टी.वी. चैनलों पर उत्तेजक बहसें आयोजित हो जाती हैं और फिर नई दुर्घटना घट जाती है। सारा घटनाचक्र एक निश्चित रस्मअदायगी सा घटित होता है। प्रश्न यह है कि ऐसी बिडम्बनापूर्ण दुखद स्थितियों के विषदंश देश को कब तक झेलने होंगे ? आखिर कब तक हमारे देश में राष्ट्र विरोधी शक्तियाँ यूँ ही हिंसा का तांडव करती रहेंगी ? इन ज्वलन्त समस्याओं का समाधान क्या है और इन्हें सुलझाने की जबावदारी किनकी है? Read more » Featured naxal attack on crpf jawans sukma attack
राजनीति पत्थरबाजों का उपचार पत्थर से ही संभव April 22, 2017 / April 22, 2017 | Leave a Comment अब यह अत्यावश्यक हो गया है कि हम आर-पार की लड़ाई लड़ें। सैनिकों का अपमान, उन पर पत्थर-प्रहार और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए की जा रही कार्यवाहियों में बाधा किसी भी कीमत पर सहन नहीं की जा सकती। पाकिस्तानपरस्त अलगाववादी तत्त्व और उनके संरक्षक-समर्थक हमारे नहीं हो सकते। इन्हें चिन्हित किया जाना और इन पर कठोर नियंत्रण किया जाना आवश्यक है । जब तक दूसरों के मानवाधिकारों का हनन करने वालों, सैनिकों पर पत्थर फेंकने वालों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही नहीं होगी तब तक पत्थरबाजी बंद नहीं हो सकती। हमारी उदार नीतियों ने ही पत्थरबाजों को प्रोत्साहित किया है। उनकी संख्या बढ़ी है। Read more » Featured kashmir stone pelters in kashmir Stone pelting on Army कश्मीर के अलगाववादी संगठन नेशनल कान्फ्रेंस पाकिस्तानपरस्त मानसिकता
लेख साहित्य विश्वकाव्य दिवस के अवसर पर हिन्दी के कवियों का स्मरण भी आवश्यक March 22, 2017 / March 22, 2017 | Leave a Comment सुयश मिश्र 21 मार्च विश्वकाव्य दिवस के अवसर पर हिन्दी के एक बड़े अखबार (दैनिक भास्कर) जो कि स्वयं को देश का सबसे विश्वसनीय और नंबर-1 अखबार’ घोषित करता है, ने ‘ये हैं दुनियाँ की अब तक की सर्वश्रेष्ठ रचनाएं’ शीर्षक से बड़ा समाचार प्रकाशित किया। इस समाचार में विलियमशेक्सपियर कृत ‘सानेट-18’, जानडन कृत डेथ, […] Read more » विश्वकाव्य दिवस