व्यंग्य यमराज-कसाब संवाद November 28, 2012 / November 28, 2012 | 2 Comments on यमराज-कसाब संवाद चित्रगुप्त, कर्मो का लेखा-जोखा करने बैठे ही थे,कि एक युवक सलाम ठोकता हुआ आ खड़ा हुआ । इतनी सुबह-सुबह कौन हो भार्इ? प्रश्न अभी हवा में ही था कि यमराज भी आसंदी पर विराजमान हो गये! चित्रगुप्त! कौन है यह प्राणी?इस समय तो किसी आत्मा का आगमन होना नहीं था। जनाब मैं कसाब! अजमल आमिर […] Read more »
आर्थिकी योजनाओं से वंचित बीपीएल परिवारों का भविष्य November 27, 2012 | Leave a Comment विपिन जोशी सरकार गरीबों के लिए तमाम योजनाएं बनाती है, जो ठीक ढ़ंग से जमीन पर लागू किए जाएं तो वाकई चमत्कारी बदलाव लाए जा सकते हैं। लेकिन अफसोस की बात यह है कि यह योजनाएं जरूरतमंदों तक पहुंच ही नहीं पाती हैं। उनका हक उनकी झोली में पहुंचने से पहले ही डकार लिया जाता […] Read more » बीपीएल
विविधा कश्मीर की फिज़ा में भ्रष्टाचार का ज़हर November 27, 2012 | Leave a Comment महनाज़ अख्तर हाल ही में ब्रिटेन ने 20 साल बाद अपने नागरिकों को फिर से जम्मू कश्मीर जाने की इजाजत देकर देश भर की मीडिया का ध्यान फिर से इस ओर खींचा है। ब्रिटेन की इस पहल का दुनिया भर में यह संदेश अवश्य गया है कि देश का सबसे विवादित यह क्षेत्र अब शांति […] Read more » जम्मू- कश्मीर भ्रष्टाचार
विज्ञान अंधविश्वास और विज्ञान का भारत November 27, 2012 | 4 Comments on अंधविश्वास और विज्ञान का भारत वंदना नेताम हाल ही में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने छात्रों के लिए आकाश 2 लांच किया। इसके साथ ही भारत ने एक बार फिर साइंस और टेक्नालॉजी के क्षेत्र में दुनिया भर में अपना परचम लहराया है। एक तरफ जहां यह परमाणु पनडुब्बी से लैस विश्व के चुनिंदा देशों में शुमार हो चुका है वहीं […] Read more » अंधविश्वास भारत विज्ञान
विविधा साक्षरता के लक्ष्य को पाने में कितना सार्थक है आंगनबाड़ी? November 27, 2012 | Leave a Comment भावना मिश्रा देश में शिक्षा के महत्व को बढ़ाने के मकसद से शिक्षा का अधिकार कानून जब से लागू किया गया है, तब से इसके काफी सकारात्मक परिणाम मिले हैं। शिक्षा का स्तर सुधरा है वहीं गरीब छात्रों को भी अवसर प्रदान हुए हैं। कभी देश के मानचित्र पर बिहार एक ऐसे राज्य के रूप […] Read more » आंगनबाड़ी साक्षरता
महिला-जगत विकास के नाम पर विस्थापन झेलती आदिवासी महिलाएं November 16, 2012 | 1 Comment on विकास के नाम पर विस्थापन झेलती आदिवासी महिलाएं अशोक सिंह आदिवासी विद्रोहों के इतिहास में भले ही स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाता है लेकिन आदिवासी औरतों के बलिदान की गाथाएं अब भी इतिहास की वस्तु नहीं बन पायी। पहले की तरह आज भी उनके सवाल, उनके मुद्दे हाशिए पर धकेले जाते रहे हैं। विकास विस्थापन और महिलाएँ एक ऐसा ही ज्वलंत और बुनियादी […] Read more » आदिवासी विस्थापन
विविधा मनरेगा को भ्रष्टाचार से मुक्ति जरूरी November 16, 2012 / November 16, 2012 | Leave a Comment बिरो माहला कुछ दिनों पहले विपक्षी भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने संयुक्त राष्ट्र संघ में सामाजिक विकास पर आयोजित सत्र को संबोधित करते हुए केंद्र की यूपीए सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा की जमकर तारीफ की। उन्होंने इसे कम अवधि के लिए विश्व का सबसे बड़ा रोजगार बताया। इस योजना के कारण देश […] Read more » मनरेगा
विविधा छत्तीसगढ़ में उच्च शिक्षाः वैज्ञानिक दृष्टिकोण की आवश्यकता November 15, 2012 / November 16, 2012 | Leave a Comment (छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस पर विशेष) निरंजन कुमार छत्तीसगढ़ राज्य इन दिनों अपनी स्थापना दिवस मना रहा है। एक नवंबर से सप्ताह भर तक राज्य के प्रगति की गाथाएं सुनाई जाएंगी। राज्य की जनता को विकास की उन झलकियों से अवगत कराया जाएगा जो उन्होंने कभी देखा ही नहीं है। स्थापना से लेकर अब तक की […] Read more » उच्च शिक्षा छत्तीसगढ़
विविधा बसौली पंचायत में शिक्षा का डगमगाता सफर November 14, 2012 | 1 Comment on बसौली पंचायत में शिक्षा का डगमगाता सफर खुशबू कुमारी हाल ही में यूनिसेफ द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया में आधे से भी अधिक बच्चे प्राथमिक शिक्षा से वंचित हैं तथा शिक्षा के क्षेत्र में सहस्त्राब्दि विकास लक्ष्य की गति धीमी है ऐसे में 2015 तक लक्ष्य को प्राप्त करना कठिन हो जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के करीब […] Read more »
वर्त-त्यौहार मनोहारी लोक रस्मों से भरपूर है वागड़ की दीवाली November 13, 2012 / November 12, 2012 | Leave a Comment कल्पना डिण्डोर जीवन के हर पहलू को वासंती उल्लास देने में पर्व-त्योहारों का ख़ास महत्व है। हर उत्सव के साथ जुड़ी हुई लोक रस्म जन मन से लेकर परिवेश तक में आनंद का दरिया बहा देती है। दीपावली भी ऐसा ही त्योहार है जब पूरा परिवेश लोक लहरियों पर थिरक उठता है और मन मयूर […] Read more » वागड़ की दीवाली
वर्त-त्यौहार मनोहारी लोक रस्मों से भरपूर है वागड़ की दीवाली November 11, 2012 | Leave a Comment कल्पना डिण्डोर जीवन के हर पहलू को वासंती उल्लास देने में पर्व-त्योहारों का ख़ास महत्व है। हर उत्सव के साथ जुड़ी हुई लोक रस्म जन मन से लेकर परिवेश तक में आनंद का दरिया बहा देती है। दीपावली भी ऐसा ही त्योहार है जब पूरा परिवेश लोक लहरियों पर थिरक उठता है और मन मयूर […] Read more » वागड़ की दीवाली
पर्व - त्यौहार वर्त-त्यौहार कृतज्ञता ज्ञापन का महापर्व – छठ November 5, 2012 | Leave a Comment अक्षय उर्जा का अजस्र स्रोत – सूर्य। समस्त सृष्टि का कारक – सूर्य। दिवा और निशि का हेतु सूर्य। इसकी वंदना और अभ्यर्थना मानव कब से करता आ रहा है, यह स्वयंसिद्ध है। यदि कहा जाय कि मानव सभ्यता के विकास का इतिहास ही सूर्य-उपासना एवं अभ्यर्थना का इतिहास है तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। वैदिक […] Read more » कृतज्ञता ज्ञापन का महापर्व छठ