राजनीति समाज क्षत्रियों के कुलनाशक नहीं समाज संगठक थे परशुराम April 21, 2023 / April 21, 2023 | Leave a Comment —— प्रवीण गुगनानी वैशाख शुक्ल तृतीया अर्थात अक्षय तृतीया सनातन हिंदू समाज की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण तिथि है। यह दिवस केवल हमारे सकल हिंदू समाज के आराध्य भगवान् परशुराम के अवतरण का ही नहीं अपितु इसी दिन परमात्मा के हयग्रीव, नर नारायण और महाविद्या मातंगी अवतार का भी अवतरण दिवस है। वस्तुतः यह दिवस […] Read more » Parshuram was a social organizer
राजनीति केजी बालकृष्ण आयोग: बाबासाहेब के दृष्टिकोण लागू करने का दायित्व April 12, 2023 / April 12, 2023 | Leave a Comment एक गोंडी मुहावरा है – बुच्च बुच्च आयाना कव्वीते पालकी रेंगिना अर्थात आगे आगे होना किंतु अपने मूल विषय पर कुछ भी ध्यान न देना। रंगनाथ मिश्र आयोग के संदर्भ में यह गोंडी कहावत सटीक लगती है। रंगनाथ मिश्र आयोग के बाद मोदी सरकार द्वारा केजी बालकृष्ण आयोग का गठन आरक्षण के दुरुपयोग को जांचने, […] Read more » KG Balakrishna Commission: Obligation to implement Babasaheb's vision
राजनीति भाजपा: वैचारिक धुंधकाल के निराकरण का तंत्र April 4, 2023 / April 4, 2023 | Leave a Comment 6 अप्रेल, भाजपा स्थापना दिवस विमर्श या नैरेटिव के नाम पर भारत में एक अघोषित युद्द चला हुआ है। इन दिनों भारत में चल रहा विमर्श शुद्ध राजनैतिक है। राजनीति और कुछ नहीं समाज का एक संक्षिप्त प्रतिबिंब ही है। विमर्श में यह प्रतिबिंब विषय व समयानुसार कुछ छोटा या बड़ा होता रह सकता है। […] Read more » bjp
कला-संस्कृति पर्व - त्यौहार उज्जैन से उपजी हिंदू कालगणना का वैश्विक महत्व March 23, 2023 / March 23, 2023 | Leave a Comment नववर्ष प्रतिपदा या हिंदू नववर्ष के विषय में बात करते समय हमें इसकी वैज्ञानिकता का पूर्ण आभास होना चाहिए। हमारी सनातनी कालगणना आज समूचे विश्व को हमें आदर देने को विवश करती है। उज्जैन में महाकाल की मूर्ति या विग्रह केवल धार्मिक चिन्ह नहीं अपितु समय की वैज्ञानिक गणना का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। महाकाल […] Read more » नववर्ष प्रतिपदा
राजनीति समाज डीलिस्टिंग: सामाजिक न्याय के मार्ग मे मील का पत्थर February 9, 2023 / February 9, 2023 | Leave a Comment जनजातीय मुद्दों पर प्रतिदिन अपने स्वार्थ की रोटियां सेंकने वाले विभिन्न संगठन व राजनैतिक दल डिलिस्टिंग जैसे संवेदनशील मुद्दे पर चुप क्यों हैं? स्पष्ट है कि वे कथित धर्मान्तरित होकर जनजातीय समाज के साथ छलावा और धोखा देनें वाले लोगों के साथ खड़े हैं. ये कथित दल, संगठन और एनजीओ भोले भाले वनवासी जनजातीय समाज […] Read more » डीलिस्टिंग
राजनीति मप्र मे धर्मांतरण कानून और समाज दोनों को और सख्त होने की आवश्यकता February 6, 2023 / February 6, 2023 | Leave a Comment प्रवीण गुगनानी यदि मध्यप्रदेश के सामाजिक ताने बाने, अर्थव्यवस्था, राजनैतिक वातावरण, व्यापार वयवसाय के पिछड़े होने की और इन सबसे धर्मांतरण के संबंध की चर्चा करें तो एक जनजातीय कहावत स्मरण मे आती है – तेंदू के अंगरा बरे के न बुताय के अर्थात दुष्ट व्यक्ति न स्वयं चैन से रहते हैं न दूसरों को […] Read more » Conversion law and society both need to be more strict in MP
राजनीति संघप्रमुख का कहा सज्जन राष्ट्रवादी मुस्लिमों को तो सदा से स्वीकार है January 16, 2023 / January 16, 2023 | Leave a Comment ——————– “तोड़ दूंगा ये सारे बुत ए खुदा पहले यह तो बता तुझको इनसे इतनी जलन क्यों है। आए हैं कहां से ये बुत तेरी ही बनाए हुए पत्थरों और मिट्टियों से पहले यह तो बता की उन पत्थरों और मिट्टियों में क्या तू नही है?” किसी शायर का ये शेर खयाल आया जब राष्ट्रीय […] Read more » Sangh Pramukh said that gentleman nationalists have always accepted Muslims
राजनीति धर्मांतरण से उबलता छत्तीसगढ़ का शांत जनजातीय समाज January 9, 2023 / January 9, 2023 | Leave a Comment छत्तीसगढ़ राज्य का बस्तर संभाग विशेषतः नारायणपुर जिला पुनः अस्थिर, अशांत और अनमना सा है। सदा की तरह कारण वही है, धर्मांतरण! वैसे तो समूचा छत्तीसगढ़ ही धर्मांतरण और मसीही आतंक से पीड़ित है किंतु बस्तर संभाग में यह दंश कुछ अधिक है। सदा की तरह कारण स्थानीय जनजातीय समाज की परम्पराओं, मान्यताओं, पूजा परंपरा, […] Read more » Quiet tribal society of Chhattisgarh boils due to religious conversion
खान-पान खेत-खलिहान राजनीति सुपर कृषक बनने का मार्ग: सुपर फ़ूड मोटे अनाज की प्राकृतिक कृषि December 22, 2022 / December 22, 2022 | 1 Comment on सुपर कृषक बनने का मार्ग: सुपर फ़ूड मोटे अनाज की प्राकृतिक कृषि 23 दिसंबर: राष्ट्रीय किसान दिवस पर विशेष देश में मोटे अनाजों की कृषि, उत्पादन व उपभोग को पर केंद्रित इस लेख के पूर्व यह कविता पढ़िए – यह रागी हुई अभागी क्यों? चावल की किस्मत जागी क्यों? जो ‘ज्वार’ जमी जन-मानस में, गेहूँ के डर से यह भागी क्यों? यूँ होता श्वेत ‘झंगोरा’ है। यह […] Read more » Natural Farming of Super Food Millets Way to become a Super Farmer सुपर कृषक बनने का मार्ग
शख्सियत समाज साक्षात्कार विवेकानंद स्मारक के शिल्पी एकनाथ रानाडे November 18, 2022 / November 18, 2022 | Leave a Comment राम रूप सर्वत्र समाना। देखत रहत सदा हर्षाना।। विधि शारदा सहित दिनराती। गावत कपि के गुन बहु भाँति।। प्रभु श्रीराम के कृतित्व हेतु हनुमान जी का जो महत्त्व था वही महत्त्व स्वामी विवेकानंद के कृतित्व को प्रस्तुत करने हेतु एकनाथ जी रानाडे का रहा है. यद्दपि भगवान् श्रीराम व राम भक्त हनुमान जी समकालिक रहे […] Read more » Eknath Ranade the architect of the Vivekananda Memorial एकनाथ रानाडे
राजनीति राष्ट्ररक्षा का भाव ही वनवासी समाज का मूल स्वभाव है November 15, 2022 / November 15, 2022 | Leave a Comment स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव अर्थात 75 वीं गौरवशाली वर्षगाँठ पर स्वाभाविक ही है हम जनजातीय समाज का भी स्मरण करें। जनजातीय समाज का भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में अपना व्यापक, विस्तृत व विशाल योगदान रहा है। विदेशी आक्रान्ताओं के विरुद्ध वर्ष 812 से लेकर 1947 तक भारत की अस्मिता के रक्षण हेतु इस समाज के हजारों […] Read more » 15 नवंबर जनजातीय गौरव दिवस The sense of national defense is the basic nature of the Vanvasi society.
राजनीति मध्यप्रदेश: भारत का सांस्कृतिक तिलक November 5, 2022 / November 5, 2022 | Leave a Comment मध्यप्रदेश वस्तूतः केवल भौगोलिक ह्रदयस्थली नही बल्कि भारत का मानसस्थल है। यहीं से संपूर्ण भारत में जागरण, चैतन्यता व सांस्कृतिक तेज का भाव संचारित होता है। यह प्रदेश एक तरफ़ से उत्तरप्रदेश, दूसरी तरफ़ से झारखण्ड, तीसरी तरफ़ से महाराष्ट्र, चौथी तरफ़ से राजस्थान, पाँचवी तरफ़ से गुजरात और छठवीं तरफ़ से छत्तीसगढ़ की सीमाओं […] Read more » मध्यप्रदेश