लेख मुंशी प्रेमचंद का साहित्य एवं वर्तमान में तैरते प्रश्न August 1, 2022 / August 1, 2022 | Leave a Comment आज प्रश्न -प्रतिप्रश्न उठते हैं कथाकार कैसा हो?उसका लेखन कैसा है? किन्तु हमारे हिन्दी साहित्य में एक ऐसा साहित्यकार हुआ जो सभी जगह उपस्थित है तथा यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि प्रेमचंद की स्थापित परिपाटी के माध्यम से ही आगे की दिशा तय हुई ।जब बात हिन्दी में कथासंसार की उठती है तो सबसे […] Read more » Literature of Munshi Premchand and the floating questions in the present
लेख अंग्रेजी के बढ़ते प्रभुत्व से संकट में देश का भविष्य..! July 27, 2022 / July 27, 2022 | Leave a Comment ~कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस वर्ष ‘ बहुभाषावाद प्रस्ताव’ को पारित करते हुए हिन्दी समेत अन्य भारतीय भाषाओं उर्दू एवं बांग्ला को सहकारी भाषा के रुप में दर्ज कर लिया है। भारत सरकार विश्व स्तर पर यूएन की अन्य छ: आधिकारिक भाषाओं के साथ हिन्दी को भी यूएन की आधिकारिक ( सरकारी) […] Read more » The future of the country in trouble due to the increasing dominance of English..! अंग्रेजी के बढ़ते प्रभुत्व से संकट में देश
लेख शख्सियत समाज स्वातन्त्र्य आन्दोलन के प्रेरणापुञ्ज : स्वामी विवेकानंद July 4, 2022 / July 4, 2022 | Leave a Comment ~कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल अमेरिका के शिकागो में सन् १८९३ में सम्पन्न हुई ‘विश्वधर्म महासभा’ ने विवेकानन्द के रुप में जिस सांस्कृतिक सूर्य को समूचे विश्व के समक्ष अवतरित किया। वस्तुतः वह भारत एवं हिन्दुत्व के नवयुग का अवतरण था। भारत एवं हिन्दुओं को पतित,अज्ञानी,मूर्ख समझने वाले आत्मश्लाघा में डूबे हुए पाश्चात्य जगत का जब विवेकानन्द […] Read more » Inspiration of freedom movement: Swami Vivekananda
पर्यावरण लेख पर्यावरण संरक्षण : कहीं कोरी कवायद न रह जाए June 7, 2022 / June 7, 2022 | Leave a Comment ~कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल प्रत्येक वर्ष की भाँति विश्व पर्यावरण दिवस मनाने और उसका प्रचार-प्रसार करने के लिए समूचे विश्व सहित हम भी जी-तोड़ मेहनत करने में लग जाते हैं,किन्तु इसके इतर दिनों-दिन पर्यावरण की दुर्गति और उस पर आँखे मूँदकर सबकुछ सही मान लेने की प्रवृत्ति ने हमें प्रकृति के प्रति निर्दयी और कृतघ्न तो […] Read more » environment protection पर्यावरण संरक्षण
लेख विधि-कानून सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को लेकर भ्रामकता सही नहीं है’ May 13, 2022 / May 15, 2022 | Leave a Comment ~कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटलमध्यप्रदेश के पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनावों में बगैर ओबीसी आरक्षण के निर्वाचन सम्पन्न कराने एवं अधिसूचना जारी करने के लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय सुनाया है। किन्तु इस पर राजनैतिक गिद्ध दृष्टि गड़ाने वाले इस निर्णय को भी निराशापूर्ण बताते हुए अपनी वोटबैंक की राजनीति सिद्ध करना चाह रहे हैं। ये […] Read more » Misleading about the decision of the Supreme Court is not right. सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को लेकर भ्रामकता सही नहीं
लेख मानसिक स्वास्थ्य की परवाह क्यों नहीं? April 20, 2022 / April 20, 2022 | Leave a Comment ~कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटलविश्व के बदलते हुए परिदृश्य के साथ ही अनेकानेक संकटों से समाज जूझ रहा है।स्वास्थ्य सुविधाओं की मूलभूत कमीं से जहाँ आम आदमी को जहाँ प्रतिदिन दो – चार होना ही पड़ता है। वहीं स्वतन्त्रता के सात दशक पूरे हो जाने के बावजूद भी देश में स्वास्थ्य सुविधाओं -अस्पतालों, चिकित्सकों, अत्याधुनिक तकनीकी, पैरामेडिकल […] Read more » Why not care about mental health?
मनोरंजन सिनेमा हिन्दू काफिरों के रक्त रञ्जित इतिहास की त्रासद कथा : द कश्मीर फाईल्स March 21, 2022 / March 21, 2022 | Leave a Comment कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल फ्लैश बैक में चलती हुई कहानी जब संस्मरणात्मक किस्सागोई के माध्यम से इतिहास के क्रूर भयावह खंदकों में धीरे-धीरे उतरती जाती है तो इतिहास चीत्कार करता हुआ हम सबके समक्ष प्रकट होने लगता है। आँखों में क्रोध व आँसुओं के सिवाय कुछ भी नजर नहीं आता है।काश्मीर फाईल्स के अभिनय की धुरी […] Read more » The Kashmir Files Tragic story of the blood-stained history of Hindu infidels द कश्मीर फाईल्स हिन्दू काफिरों के रक्त रञ्जित इतिहास की त्रासद कथा
राजनीति राष्ट्रसंस्कृति से आप्लावित पं.दीनदयाल उपाध्याय का राजनैतिक दर्शन February 11, 2022 / February 11, 2022 | Leave a Comment कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटलभारतीय राजनीति के वृहदाकाश में दैदीप्यमान पं. दीनदयाल उपाध्याय अपने राष्ट्रीय विचारों, राष्ट्रवाद व भारतीय सनातन हिन्दू संस्कृति के मुखर पक्षधर व तदानुरुप रीति-नीति के आधुनिक राजनैतिक प्रवर्तकों में लब्ध-प्रतिष्ठित हैं।उन्होंने केवल विचार ही नहीं दिए,अपितु जनसंघ व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के माध्यम से विचारों को धरातलीय रुप भी दिया। एकात्ममानव दर्शन व […] Read more » Political Philosophy of Pt. Deendayal Upadhyay immersed in national culture राष्ट्रसंस्कृति से आप्लावित पं.दीनदयाल उपाध्याय
शख्सियत समाज संघर्ष और पीड़ा का कालकूट पी महाप्राण बने निराला February 8, 2022 / February 8, 2022 | Leave a Comment हिन्दी साहित्य में सूर्य की भाँति अपनी कान्ति से राष्ट्रीय चेतना को आलोकित करने वाले सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ उन महानतम् तपस्वियों में से एक हैं जिन्होंने आजीवन संघर्ष, पीड़ा,उपेक्षा,अपमान का विष पीकर उसे अपनी लेखनी की स्याही बनाते हुए सर्जन की महागाथा लिखी। उनके प्रारम्भिक जीवन के बाद पिता रामसहाय तेवारी की मृत्यु के साथ […] Read more » निराला सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला'
लेख शख्सियत नेताजी सुभाषचन्द्र बोस : आजादी के अमर महानायक January 25, 2022 / January 25, 2022 | Leave a Comment ~कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल हमने उस सुभाष को खोया है जिसने अपने प्राणों को हथेली में रखकर राष्ट्र की स्वतंत्रता के लिए अपने जीवन को समर्पित कर क्रांति की रणभेरी हुंकार से अंग्रेजों को कंपकपा दिया था। नेताजी व उनके नेतृत्व वाली आजाद हिन्द फौज ने अँग्रेजी साम्राज्य की नींव को हिलाकर रख दिया था,और उनकी […] Read more » Netaji Subhash Chandra Bose The immortal hero of freedom Netaji Subhash Chandra Bose: नेताजी सुभाषचन्द्र बोस
समाज यक्षप्रश्न : बच्चों के लिए आप क्या कर रहे हैं ? January 20, 2022 / January 20, 2022 | Leave a Comment ~कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल समय बदल रहा है। आवश्यकताएँ बदल रही हैं। बेहतर से बेहतर संसाधन जुटाने की होड़ मची हुई है। और इस भ्रामक होड़ में कोई भी पीछे नहीं छूटना चाहता है। सबको अव्वल आना है,मगर देश एवं समाज को जहाँ अपना ध्यान केन्द्रित करना चाहिए । वहाँ न जाने क्यों भीषण अकाल उत्पन्न […] Read more » What are you doing for the children? बच्चों के लिए आप क्या कर रहे हैं
लेख शख्सियत भारत को जागृत करते स्वामी विवेकानन्द January 15, 2022 / January 15, 2022 | Leave a Comment ~कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल“उठो ! उठो, लम्बी रात बीत रही है ,सूर्योदय का प्रकाश दिखाई दे रहा है। तरंग ऊँची उठ चुकी है,उस प्रचण्ड जलोच्छवास का कुछ भी प्रतिरोध न कर सकेगा।” ―विवेकानन्दस्वामी विवेकानन्द अपने जीवन के कालखण्ड में उस भारत को जगा रहे हैं,जो वर्षों से सुप्त पड़ा हुआ है। जिसकी चैतन्यता अन्धकार के पाश […] Read more » swami vivekanand Swami Vivekananda awakening India स्वामी विवेकानन्द