विविधा सड़कों पर मौत का सन्नाटा नहीं, जीवन का उजाला हो April 25, 2017 | Leave a Comment ललित गर्ग – सड़क हादसों और उनमें मरने वालों की बढ़ती संख्या के आंकड़ों ने लोगों की चिंता तो बढ़ाई ही है लेकिन एक ज्वलंत प्रश्न भी खड़ा किया है कि नेशनल हाइवे से लेकर राज्यमार्ग और आम सड़कों पर सर्वाधिक खर्च होने एवं व्यापक परिवहन नीति बनने के बावजूद ऐसा क्यों हो रहा है? […] Read more » Featured road accidents मौत का सन्नाटा
राजनीति लालबत्ती के आतंक से मुक्ति की नई सुबह April 21, 2017 | Leave a Comment उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने ऐसे अनेक साहसिक निर्णय लिये एवं कठोर कदम उठाये है और अब केंद्र सरकार ने आगे बढ़कर मोटर वीइकल्स ऐक्ट के नियम 108 (1) और 108 (2) में बदलाव करके लाल बत्ती वाली गाड़ियों को ट्रैफिक नियमों से छूट देने की व्यवस्था ही खत्म कर दी। लेकिन मोदी एवं योगी से आगे की बात सोचनी होगी। देश में सही फैसलों की अनुगूंज होना शुभ है, लेकिन इनकी क्रियान्विति भी ज्यादा जरूरी है। वीआईपी कल्चर खत्म करने के नफा-नुकसान का गणित उतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना महत्वपूर्ण यह है कि इससे आम लोगों के मन से खास लोगों का खौफ कुछ कम जरूर होगा। Read more » Featured लाल बत्ती वीआइपी संस्कृति
विविधा गरीबों के हित में दवा नीति का बनना April 19, 2017 | Leave a Comment नामी-गिरामी कंपनियों की दवाओं की कीमत काफी अधिक होती हैं। जबकि उन्हीं रासायनिक सम्मिश्रणों वाली दवाएं अगर जेनरिक श्रेणी की हों तो वे काफी कम कीमत में मिल सकती हैं। ये दवाएं वैसा ही असर करती हैं जैसा ब्रांडेड दवाएं। समान कंपोजीशन यानी समान रासायनिक सम्मिश्रण होने के बावजूद इनके निर्माण पर बहुत कम खर्च आता है। इनके प्रचार-प्रसार पर बेहिसाब धन भी नहीं खर्च किया जाता, इसलिए भी इनकी कीमतें काफी कम होती हैं। लेकिन दवा बाजार पर निजी कंपनियों के कब्जे का जो पूरा संजाल है, उसमें जेनरिक दवाओं की उपलब्धता इतनी कम है कि उसका लाभ बहुत-से जरूरतमंद लोग नहीं उठा पाते। Read more » Featured जेनरिक दवा कारोबार स्वास्थ्य देखभाल नीति
धर्म-अध्यात्म आचार्य वसन्त सूरिजी : कठोर तप की पूर्णता के पचास वर्ष April 19, 2017 | Leave a Comment आचार्य वसंत सूरीश्वरजी के पास लोककल्याणकारी कार्यों की एक लंबी सूची है। चाहे हस्तिनापुर में अष्टापद का निर्माण हो या जीर्ण-शीर्ण ऐतिहासिक जैन मंदिरों का जीर्णोद्धार, प्रसिद्ध जैन तीर्थ पालीताना में कमल मंदिर की कल्पना हो या देश के विभिन्न हिस्सों में शैक्षणिक संस्थाओं की स्थापना, दिल्ली में भव्य वल्लभ स्मारक हो या सेवा के विविध आयाम- अस्पताल, गौशाला, कन्या छात्रावास- उनकी प्रेरणा के ये आयाम जन-जन के कल्याण के लिए, संस्कार निर्माण के लिए, शिक्षा, सेवा और परोपकार के लिए संचालित हैं। उन्होंने गणि राजेन्द्र विजयजी के नेतृत्व में संचालित सुखी परिवार अभियान के आदिवासी उन्नयन एवं उत्थान के साथ-साथ परिवार संस्था मजबूती देने के संकल्प में भी निरंतर सहयोग एवं आशीर्वाद प्रदत्त किया है। Read more » Featured आचार्य वसन्त सूरिजी
विविधा सब कुछ लुटा के होश में आये तो क्या….? April 15, 2017 | 1 Comment on सब कुछ लुटा के होश में आये तो क्या….? कुलभूषण जाधव भारतीय नौ सेना के निवृत अधिकारी हैं। उनका जन्म 1970 में महाराष्ट्र के सांगली में हुआ था। इनके पिता का नाम सुधीर जाधव है, वे 1987 में नेशनल डिफेन्स अकादमी में प्रवेश लिया तथा 1991 में भारतीय नौ सेना में शामिल हुए। उसके बाद सेवा-निवृति के बाद ईरान में अपना व्यापार शुरू किया। 29 मार्च 2016 को पाकिस्तान ने उन्हें बलूचिस्तान से गिरफ्तार बताया, वहीं भारत सरकार का दावा है कि उनका ईरान से अपहरण हुआ है। Read more » Featured कुलभूषण जाधव कुलभूषण जाधव को मौत की सजा
समाज हिंसक होती महानगरीय संस्कृति की त्रासदी April 15, 2017 | Leave a Comment दिल्ली में बढ़ती हिंसा की घटनाओं को लेकर व्यक्ति और समाज को लेकर कई बड़े सवाल खड़े हो गए हैं। इसका एक बड़ा कारण है संयुक्त परिवारों का बिखरना। इसके कारण महानगरों में न्यूक्लियर फेमिली यानी एकल परिवार की अवधारणा को बल मिलता चला गया है। मैं, मेरी पत्नी और मेरे बच्चे तक सिमटी नई सामाजिक और शहरी अवधारणा ने परिवार के बाकी बचे लोगों को एक-दूसरे अलग-थलग कर दिया है। Read more » महानगरीय संस्कृति
विविधा गौरक्षा एवं भक्ति हिंसक क्यों? April 11, 2017 | Leave a Comment देश में समय-समय पर गौहत्या के विरोध में आन्दोलन हुए हैं। 1967 में गौ-हत्या को लेकर उग्र आन्दोलन हुआ, संसद भवन को साधु-सन्तों ने घेरा था तो पुलिस ने उन पर बल प्रयोग किया था और लाठी-गोलियां भी चलाई थीं। तत्कालीन गृहमन्त्री स्व. गुलजारी लाल नन्दा को इस्तीफा देना पड़ा था। तत्कालीन इन्दिरा सरकार ने भारत की सांस्कृतिक एवं धार्मिक आस्था से जुड़े इस मसले को गंभीरता से नहीं लिया और उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा। क्योंकि गाय भारत की आत्मा है, जन-जन की आस्था का केन्द्र है। Read more » cow slaughter Featured गौरक्षा गौहत्या के विरोध में आन्दोलन राजस्थान राजस्थान में गौरक्षा राजस्थान मेंगौसंरक्षण
राजनीति वंदे मातरम्-विवाद नहीं, विकास का माध्यम बने April 10, 2017 | Leave a Comment मुसलमानों को ‘वन्दे मातरम्’ गाने पर आपत्ति इसलिये भी बतायी जा रही है, क्योंकि इस गीत में देवी दुर्गा को राष्ट्र के रूप में देखा गया है। जबकि यह गान किसी देवी नहीं, बल्कि धरती माता की पूजा की बात कहता है। माता भी कौन-सी? पृथ्वी। जो जड़ है। इसमें भारत को माता कहा गया है। वंदे-मातरम् में भारत के जलवायु, फल-फूल, नदी-पहाड़, सुबह-शाम और शोभा-आभा की प्रशंसा की गई है। किसी खास देवी की पूजा नहीं की गई है। वह कोई हाड़-मासवाली देवी नहीं है। वह एक प्रतीक है। विभिन्न मुस्लिम देशों में भी वहां राष्ट्रीय गीतों में मातृ-भूमि का यशोगान गाया गया है। Read more » Featured Vande Mataram उ.प्र. के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वंदे मातरम् वन्दे मातरम्-राष्ट्रगीत
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म मंगलकर्ता और विघ्नहर्ता हैं हनुमान April 9, 2017 | Leave a Comment हनुमान जयन्ती- 11 अप्रैल 2017 पर विशेष – ललित गर्ग – भगवान हनुमानजी को हिन्दू देवताआंे में सबसे शक्तिशाली माना गया है, वे रामायण जैसे महाग्रंथ के सह पात्र थे। वे भगवान शिव के ग्यारवंे रूद्र अवतार थे जो श्रीराम की सेवा करने और उनका साथ देने त्रेता युग में अवतरित हुए थे। उनको बजरंग […] Read more » हनुमान जयन्ती
विविधा सिनेमा ब्लू माउंटेंस-एक फिल्म ही नहीं, सन्देश भी April 7, 2017 | Leave a Comment ‘ब्लू माउंटेंस’ के बहाने बच्चों से जुड़ी फिल्मों को प्रोत्साहन का धरातल तैयार होना चाहिए। हमारे देश में बच्चों की फिल्मों के लिये सरकारी प्रोत्साहन बहुत जरूरी है। अमेरिका के न्यूयार्क में 18 ऐसे सिनेमाहाल हैं, जहां हमेशा बच्चों से जुड़ी फिल्में दिखाई जाती हैं और इन फिल्मों को देखने के लिए हमेशा भीड़ होती है। अपने बच्चों के साथ मां-बाप फिल्में देखने आते हैं। खास तौर पर वीकेंड में तो ये भीड़ डबल से ज्यादा हो जाती है। Read more » Blue Mountains ब्लू माउंटेंस
शख्सियत समाज हम महावीर बनने की तैयारी में जुटें April 7, 2017 / April 7, 2017 | Leave a Comment महावीर जयंती ललित गर्ग आज हर व्यक्ति के जीवन में महावीर के अवतरण की जरूरत है। क्योंकि महावीर का संपूर्ण जीवन स्व और पर के अभ्युदय की जीवंत प्रेरणा है। लाखों-लाखों लोगों को उन्होंने अपने आलोक से आलोकित किया है। इसलिए महावीर बनना जीवन की सार्थकता का प्रतीक है। भगवान महावीर ने जितने महान संदेश […] Read more » Featured mahavir jayanti महावीर जयंती हम महावीर बनने की तैयारी में जुटें
राजनीति ‘आप’ की लगातार गिरती साख April 5, 2017 | Leave a Comment नीतियां सिर्फ शब्दों में हो और निष्ठा एवं नियत पर सन्देह की परतें पड़ने लगे तो राजनीति में शुचिता और शुद्धि कैसे आएगी? बिना जागती आंखों के सुुरक्षा की साक्षी भी कैसी! एक वफादार चैकीदार अच्छा सपना देखने पर भी इसलिए मालिक द्वारा तत्काल हटा दिया जाता है कि पहरेदारी में सपनों का खयाल चोर को खुला आमंत्रण है। केजरीवालजी! ईमानदारी अभिनय करके नहीं बताई जा सकती, उसे जीना पड़ता है कथनी और करनी की समानता के स्तर तक। Read more » Featured आप गिरती साख